शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर किया बड़ा खुलासा: एनसीपी नेता ने बताया क्यों सुप्रीम कोर्ट पैनल पर जेपीसी से अधिक भरोसा?

मराठा दिग्गज पवार ने कहा कि वह जेपीसी से अधिक भरोसेमंद जांच सुप्रीम कोर्ट के पैनल का मानते हैं। उन्होंने अपनी बात को रखते हुए तर्क भी दिए।

Sharad Pawar on Adani row: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने अडानी मुद्दे पर खुलकर अपना पक्ष रखा है। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों द्वारा अडानी केस की जांच जेपीसी से कराने की मांग से बेहतर वह सुप्रीम कोर्ट पैनल को क्यों अधिक विश्वसनीय मानते हैं, इसपर से भी पर्दा उठया है। शनिवार को शरद पवार ने कहा कि वह अडानी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने के पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयोगी और प्रभावी होगी।

जेपीसी से बेहतर क्यों है सुप्रीम कोर्ट का पैनल?

Latest Videos

मराठा दिग्गज पवार ने कहा कि वह जेपीसी से अधिक भरोसेमंद जांच सुप्रीम कोर्ट के पैनल का मानते हैं। उन्होंने अपनी बात को रखते हुए तर्क भी दिए। बताया जेपीसी में 21 सदस्य होते हैं। इसमें 15 सदस्य सत्तापक्ष के होंगे। छह विपक्ष से सदस्य होंग। क्योंकि जेपीसी में सदस्यों की संख्या संख्याबल की वजह से होती है। ऐसे में जेपीसी की जांच संदेह से परे नहीं होगी। जबकि सुप्रीम कोर्ट पैनल अधिक प्रभावी व निष्पक्ष साबित होगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने एक विशिष्ट समय अवधि में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश के साथ सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के एक पैनल को नियुक्त करने का फैसला किया।

पूरी तरह से जेपीसी के विरोध में नहीं...

हालांकि, शरद पवार ने कहा कि वह पूरी तरह से जेपीसी के विरोध में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह से जेपीसी का विरोध नहीं कर रहा हूं। जेपीसी बने तो अच्छा है। मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं। जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा। जेपीसी के बजाय सुप्रीम कोर्ट की समिति अधिक उपयोगी और प्रभावी है।

हिंडनबर्ग के बारे में नहीं है कोई विशेष जानकारी

राकांपा प्रमुख पवार ने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है जिसने अरबपति गौतम अडानी की फर्मों में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि एक विदेशी कंपनी खुलासा करती है तो हमें यह तय करना चाहिए कि इस पर कितना ध्यान दिया जाना चाहिए। पवार ने कहा कि जब कोई मुद्दा पूरे देश में बवाल खड़ा करता है तो उसकी कीमत देश की अर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है।

यह भी पढ़ें:

मिशनरियों की सेवा से कई गुना अधिक दक्षिण राज्यों में हिंदू आध्यात्मकि गुरु करते हैं समाजिक सेवा लेकिन बुद्धिजीवी वर्ग नहीं करता चर्चा: मोहन भागवत

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

ट्रेनों में चढ़ना ही हुआ मुश्किल, देखें कैसा है पटना रेलवे स्टेशन का हाल
महाराष्ट्र में 'लव जिहाद' पर कानून! Maulana Shahabuddin Razvi को क्यों हो रहा है ऐतराज?
New Delhi Railway Station भगदड़ पर Swami Chidanand Saraswati बोले “दुर्घटनाएं कहां नहीं होती हैं…”
New Delhi Railway Station पर भगदड़ को लेकर Prashant Kishor ने Nitish Kumar पर क्यों साधा निशाना
क्या है Bharat Tex 2025 जिसमें शामिल हुए नरेंद्र मोदी? प्रदर्शनी दिखा रहे लोगों से की बातें