
Shashi Tharoor praises PM Modi: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार 18 नवंबर को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ विवाद मोल ले लिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर की गई एक पोस्ट में थरूर ने कहा कि उन्हें दिल्ली में एक निजी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जहां प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर दिया। पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अब केवल एक 'उभरता हुआ बाजार' नहीं, बल्कि दुनिया के लिए एक 'उभरता हुआ मॉडल' है, जिसने कोरोना महामारी जैसी वैश्विक घटनाओं से उबरने और यूक्रेन में संघर्ष से निपटने में अपनी आर्थिक दृढ़ता पर ध्यान दिया है।
शशि थरूर के मुताबिक, "प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन पर हर समय 'चुनावी मोड' में रहने का आरोप लगाया गया था, लेकिन वास्तव में वह लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए 'भावनात्मक मोड' में थे।" शशि थरूर ने प्रधानमंत्री के उस भाषण को याद किया, जो भारत में शिक्षा पर उपनिवेशवाद के प्रभाव पर फोकस्ड था। थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण का एक अहम हिस्सा "मैकाले की 200 साल पुरानी 'गुलाम मानसिकता' (यानी औपनिवेशिक मानसिकता) को पलटने" पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत की विरासत, भाषाओं और नॉलेज सिस्टम पर गौरव बहाल करने के लिए 10 साल के राष्ट्रीय मिशन की अपील की। शशि थरूर ने अपनी पोस्ट के आखिर में लिखा, कुल मिलाकर पीएम मोदी का यह संबोधन एक आर्थिक दृष्टिकोण और एक्शन के लिए एक सांस्कृतिक आह्वान था, जिसने राष्ट्र को प्रगति के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
बता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार को छठे रामनाथ गोयनका व्याख्यान में भाषण दिया था। उन्होंने मैकाले के भारतीय शिक्षा प्रणाली पर प्रभाव के बारे में भी विस्तार से बात की थी, जिसमें अंग्रेजी को शिक्षा के प्राथमिक माध्यम के रूप में बढ़ावा दिया गया था। पीएम मोदी ने सवाल किया कि भारत अपनी भाषाओं को कमजोर क्यों कर रहा है? उन्होंने कहा कि अगले 10 साल में औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होना हमारा दृढ़ संकल्प होना चाहिए।
इससे पहले शशि थरूर बीजेपी के सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी की भी तारीफ कर चुके हैं। आडवाणी के बर्थडे पर बधाई देने के बाद उन्होंने कहा था कि उनके लंबे सार्वजनिक जीवन और सेवा को एक घटना तक सीमित करना गलत है। थरूर की इस बात पर कांग्रेस के कई नेताओं ने गहरी नाराजगी जताई थी। ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी के लिए शशि थरूर के ये शब्द एक बार फिर कांग्रेस में उनके लिए दिक्कतें पैदा कर सकते हैं।