महाराज के एक इशारे पर किसी ने छोड़ा मंत्रीपद तो किसी ने तोड़ा 40 साल का साथ, ये हैं सिंधिया के सुपर-11

 मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार का मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 20 कैबिनेट मंत्रियों और 8 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 2, 2020 7:07 AM IST / Updated: Jul 02 2020, 01:00 PM IST

भोपाल. मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार का मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। प्रभारी राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 20 कैबिनेट मंत्रियों और 8 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई। शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। तमाम माथापच्ची के बाद अब 71 दिन बाद राज्य को पूरा मंत्रिमंडल मिला है। राज्य में अब 33 मंत्री हैं।

इस मंत्रिमंडल में हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य खेमे के 9 नेताओं को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई है। पहले विस्तार में सिंधिया खेमे के 2 मंत्रियों गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट ने शपथ ली थी। 

ये हैं सिंधिया खेमे के 11 मंत्री

1- गोविंद सिंह राजपूत- कमलनाथ सरकार में राजस्व और परिवहन मंत्री थे। राजपूत 2003, 2008 और 2018 में सुरखी विधानसभा सीट से चुनाव जीत चुके हैं। राजपूत को सिंधिया का करीबी माना जाता है। गोविंद सिंह कमलनाथ के उन 6 मंत्रियों में से थे, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।  

2- तुलसी सिलावट- कमलनाथ सरकार में सिलावट स्वास्थ्य मंत्री थे। सिलावट 1982 में नगर निगम इंदौर के पार्षद बने। वे दिग्विजय सिंह की सरकार में भी मंत्री रहे हैं। सिलावट 1985, 2007 (उपचुनाव), 2008  और 2018 में सांवेर विधानसभा से विधायक चुने गए। 

3- इमरती देवी- सिंधिया खेमे की नेता हैं। उन्होंने हाल ही में भाजपा की सदस्यता ली है। डबरा से पूर्व कांग्रेस विधायक हैं। इस्तीफा देने वाले विधायकों में शामिल हैं। इमरती देवी कमलनाथ सरकार में मंत्री थीं। मंत्रीपद छोड़कर भाजपा का दामन थामा। 

4- प्रद्युम्न सिंह तोमर- प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर से कांग्रेस विधायक थे। सिंधिया खेमे के नेता माने जाते हैं। कमलनाथ सरकार में मंत्री थे। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद भाजपा में शामिल हुए हैं। 

5- राज्यवर्धन सिंह- 48 साल के राज्यवर्धन सिंह मध्य प्रदेश के धार की बदनावार विधानसभा सीट से विधायक थे। मंत्रीपद ना मिलने से नाराज थे। कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। राज्यवर्धन तीन बार विधायक रहे हैं। 

6- ओपीएस भदौरिया- मेहगांव सीट से कांग्रेस विधायक थे। सिंधिया के बेहद करीबी नेताओं में से हैं। इस्तीफे के बाद भाजपा में शामिल हो गए। 

7- प्रभुराम चौधरी- कमलनाथ सरकार में शिक्षा मंत्री थे। सिंधिया खेमे से हैं। ये कमलनाथ के उन 6 मंत्रियों में से एक थे, जिन्होंने इस्तीफा दिया था। प्रभुराम कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हैं। 

8- गिर्राज दंडोतिया  - गिर्राज दंडोतिया मुरैना के दिमनी से विधायक हैं। सिंधिया के खास माने जाते हैं। बगावत करने वाले 22 कांग्रेसी विधायकों में हैं। 

9- सुरेश धाकड़- मध्यप्रदेश में शिवपुरी जिले की पोहरी सीट से विधायक रहे हैं। 22 बागी विधायकों में थे। इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए।  

10- बृजेंद्र सिंह यादव- मुंगावली से विधायक थे। सिंधिया के करीबी हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए। 

11- महेंद्र सिसोदिया- महेन्द्र सिंह सिसोदिया म.प्र. की कमलनाथ सरकार में श्रममंत्री थे। सिसोदिया बमोरी (गुना) विधानसभा से आते हैं। वे यहां दूसरी बार जीते थे। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सिसोदिया ने भी भाजपा की सदस्यता ली थी। 

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