कर्नाटक के हुबली शहर(accident in Karnataka Hubli) के बाहरी इलाके में एक यात्री बस और एक लॉरी की भीषण टक्कर में 9 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 24 लोग घायल भी हुए हैं। दोनों वाहनों के चालकों की भी मौके पर ही मौत हो गई। घायलों का हुबली के KIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हुबली. कर्नाटक के हुबली में सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात एक भीषण हादसा हो गया। हुबली शहर(accident in Karnataka Hubli) के बाहरी इलाके में एक यात्री बस और एक लॉरी की भीषण टक्कर में 9 लोगों की मौत हो गई। हादसे में 24 लोग घायल भी हुए हैं। दोनों वाहनों के चालकों की भी मौके पर ही मौत हो गई। घायलों का हुबली के KIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया है। नेशनल ट्रेवल्स की बस कोल्हापुर से बेंगलुरु जा रही थी। इसमें पर्यटक सवार थे। जबकि चावल से लदा ट्रक धारवाड़ की ओर जा रहा था। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 7 लोगों की मौके पर ही मौत हाे गई थी, जबकि 2 की अस्पताल ले जाते समय।
ट्रैक्टर को ओवरटेक कर रही थी बस, तभी सामने से लॉरी से टकरा गई
हादसे की जानकारी मिलते ही शहर के पुलिस आयुक्त लाभू राम(city police commissioner Labhu Ram) तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस के मुताबिक, यात्री बस कोल्हापुर से बेंगलुरु जा रही थी, तभी आधी रात 12:30 से 1 बजे के बीच धारवाड़ की ओर जा रही एक लॉरी से टकरा गई। हादसा उस समय हुआ, जब बस चालक ट्रैक्टर को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था। घटना में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
दुनिया में सबसे अधिक सड़क हादसे भारत में होते हैं
दुनिया में सबसे अधिक रोड एक्सीडेंट भारत में होते हैं। भारत में दुनिया के महज एक प्रतिशत व्हीकल्स हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाओं में दुनिया भर में होने वाली मौतों में भारत का आंकड़ा चिंताजनक रूप से 11 प्रतिशत है। हालांकि पिछले कुछ सालों में सड़क हादसों में लगातार कमी आ रही है। इसकी वजह, सड़कें बेहतर होना और हादसों से बचाव को लेकर सरकार की तरफ से जागरुकता और सख्त मुहिम। पिछले दिनों केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए कोशिशें जारी हैं।
2025 तक रोड एक्सीडेंट में 50 प्रतिशत तक कमी लाने की कोशिश
पिछले साल फरवरी में सड़क सुरक्षा को लेकर आयोजित कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा था कि 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक कमी लाने की कोशिशें जारी हैं। अगर पिछले सरकारी आंकड़े देखें, तो देश में हर साल सड़क हादसों में करीब 1.5 लाख लोगों की मौत होती है। 4.5 लाख लोग हादसों में घायल हो जाते हैं। भारत में औसतन प्रति दिन 400 से अधिक लोग सड़क हादसों में जान गंवाते हैं। 70 प्रतिशत मरने वालों में 18 से 45 साल की उम्र के लोग होते हैं।
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