Shocking Accident: दो बसों की भीषण टक्कर, एक यात्री की हथेली कटकर दूर जा गिरी

सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर बुधवार शाम दो बसों के आपस में टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि जम्मू-कठुआ मार्ग पर चलने वाली बस तेज स्पीड से उत्तर प्रदेश की बस से टकरा गई। हादसा सांबा जिले के नानके चक इलाके में हुआ। 

जम्मू(Jammu). सांबा जिले में जम्मू-पठानकोट राजमार्ग पर बुधवार शाम दो बसों के आपस में टकरा जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और 16 लोग घायल हो गए। मृतकों की पहचान पंजाब के बटाला के रवेल चंद की पत्नी 36 वर्षीय मांगी देवी और उनकी 13 वर्षीय बेटी तानिया के अलावा सांबा के राजपुरा के 56 वर्षीय पुत्र कस्तूरी लाल के रूप में हुई। जानिए पूरी डिटेल्स...

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स्थानीय लोगों ने बताया कि जम्मू-कठुआ मार्ग पर चलने वाली बस तेज स्पीड से उत्तर प्रदेश की बस से टकरा गई। हादसा सांबा जिले के नानके चक इलाके में हुआ। पुलिस ने  स्थानीय लोगों की मदद से तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया और घायलों को बाहर निकाला गया। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार शाम करीब साढ़े चार बजे नानक चक इलाके के पास एक मिनी बस ने पीछे से एक अन्य को टक्कर मार दी। बसें-जेके02एपी-5095 और यूपी14एफटी-3267- एक ही दिशा में कठुआ की ओर जा रही थीं।


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो(NCRB) के आंकड़े के अनुसार 2020 की तुलना में 2021 में यातायात से जुड़े हादसों में अधिक लोगों की मौत हुई है। 2021 में 1,73,860 लोगों की मौत ट्रैफिक हादसों के चलते हो गई। सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हुईं। 2021 में देशभर में करीब 4.22 लाख ट्रैफिक हादसे हुए। इन हादसों में 1.73 लाख लोगों की मौत हो गई। ट्रैफिक हादसे से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा। यहां के 24,711 लोगों ने दुर्घटना के चलते अपनी जान गंवा दी। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु रहा। यहां एक साल में हादसों में 16,685 लोगों की मौत हुई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार भारत में ट्रैफिक हादसों की संख्या में वृद्धि हुई है। 2020 में हादसे की 3,68,828 घटनाएं रिपोर्ट की गईं थीं। 2021 में हादसों की 4,22,659 घटनाएं रिपोर्ट की गईं। 2021 में हुए 4,22,659 ट्रैफिक हादसों में 4,03,116 सड़क हादसे, 17,993 रेलवे हादसे और 1,550 रेलवे क्रॉसिंग हादसे शामिल हैं। 


पिछले दिनों एक मीडिया हाउस के कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया कि 2024 तक केंद्र सरकार 50 प्रतिशत तक कमी ले आएगी। दरअसल, गडकरी सड़क हादसों के लिए रोड इंजीनियरिंग को एक बड़ी समस्या मानते हैं। केंद्र सरकार ने 40000 करोड़ खर्च करके ब्लैक स्पॉट की पहचान की है। इन्हें सुधारा जा रहा है।

फोटो क्रेडिट(पहला)-thekashmirwalla.com

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