श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस (Shraddha murder case) में आरोपी आफताब की गिरफ्तारी को 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस को अब भी पीड़िता का कटा हुआ सिर नहीं मिला है। बता दें कि इस केस में अगर 2 साल पहले श्रद्धा की शिकायत के बाद पुलिस गंभीरता से आफताब को ट्रेस करती तो शायद आज पीड़िता जिंदा होती।
Shraddha Murder Case: श्रद्धा वाल्कर मर्डर केस (Shraddha murder case) में आरोपी आफताब की गिरफ्तारी को 13 दिन हो चुके हैं, लेकिन पुलिस को अब भी पीड़िता का कटा हुआ सिर नहीं मिला है। बता दें कि 2 साल पहले श्रद्धा ने पालघर जिले के तुलिंज थाने में आफताब के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, बाद में श्रद्धा ने अपनी शिकायत वापस ले ली थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि अगर श्रद्धा ने अपनी शिकायत वापस भी ले ली थी, तो भी महाराष्ट्र पुलिस चाहती तो आफताब को ट्रेस कर उसकी आपराधिक गतिविधियों पर नजर रख सकती थी। अगर महाराष्ट्र पुलिस ने ढिलाई नहीं की होती तो शायद आज श्रद्धा जिंदा होती।
आफताब के साथ नहीं रहना चाहती थी श्रद्धा :
बता दें कि श्रद्धा ने नवंबर, 2020 में पुलिस को दी अपनी शिकायत में आफताब के बर्बर व्यवहार को लेकर लिखा था। यहां तक कि उसने ये भी कहा था कि अगर पुलिस ने समय रहते एक्शन नहीं लिया तो आफताब उसके टुकड़े-टुकड़े कर देगा। श्रद्धा ने इस शिकायत में आफताब के खिलाफ मारपीट, हत्या और ब्लैकमेल करने का भी आरोप लगाया था। शिकायती चिट्ठी में श्रद्धा ने इस बात का जिक्र भी किया था कि आफताब के मां-बाप की मर्जी से दोनों शादी करने वाले हैं। लेकिन वो उसके साथ नहीं रहना चाहती है।
तो क्या महाराष्ट्र पुलिस ने इसलिए नहीं की जांच :
इस पूरे मामले को लेकर महाराष्ट्र पुलिस का कहना है कि श्रद्धा की शिकायत के बाद पुलिस अधिकारी उनके घर गए थे। लेकिन बाद में खुद श्रद्धा ने ही अपनी शिकायत वापस ले ली, जिसके बाद शिकायत दर्ज कराने के 26 दिन बाद इस केस को क्लोज कर दिया गया।
क्या किसी के दवाब में श्रद्धा ने वापस ली थी शिकायत?
हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस अगर इस मामले में गंभीरता से एक्शन लेती तो शायद श्रद्धा की जान बच जाती। पुलिस ने इस बात पर भी गौर नहीं किया कि शिकायत करने के कुछ दिनों बाद ही आखिर श्रद्धा ने इसे वापस क्यों ले लिया? क्या इसके लिए उस पर किसी ने दबाव बनाया था। अगर महाराष्ट्र पुलिस इस मामले को गंभीरता से हैंडल कार आफताब को ट्रैक करती तो शायद श्रद्धा का कत्ल नहीं होता।
आगे भी महाराष्ट्र पुलिस नहीं दिखी गंभीर :
महाराष्ट्र पुलिस ने इस केस में आगे भी ढिलाई बरती। दरअसल, श्रद्धा के पिता ने 6 अक्टूबर को बेटी के लापता होने की शिकायत की थी। हालांकि, पुलिस ने 10 अक्टूबर को गुमशुदगी का केस दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस ने आफताब को 20 दिन बाद पूछताछ के लिए 26 अक्टूबर को दिल्ली से वसई बुलाया था। अगर पुलिस 6 अक्टूबर को ही गंभीरता से एक्शन लेती तो शायद इस हत्या को रोका जा सकता था। शायद उसे कुछ सफलता हाथ लगती।
क्या है पूरा मामला :
आफताब अमीन पूनावाला ने 18 मई, 2022 को दिल्ली के महरौली स्थित एक फ्लैट में अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वालकर की हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसने लाश के 35 टुकड़े किए और उन्हें एक फ्रिज में छुपा दिया। बाद में वो लाश के एक-एक टुकड़े महरौली के जंगल में अलग-अलग जगहों पर फेंकता रहा। बता दें कि श्रद्धा से आफताब की पहली मुलाकात मुंबई में एक डेटिंग ऐप के जरिए हुई थी। इसके बाद दोनों करीब आए और कुछ महीनों बाद लिव-इन में रहने लगे। मार्च 2022 में आफताब श्रद्धा को लेकर दिल्ली शिफ्ट हो गया, जहां उसने उसका कत्ल कर दिया।
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