पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में जून में कटा हुआ सिर और हाथ मिला था। फेंकने से पहले इन अंगों को फ्रिज में रखा गया था। पुलिस ने अंगों के सैंपल को डीएनए टेस्ट के लिए भेजा है ताकि पता चल सके कि इसका संबंध श्रद्धा हत्याकांड से है या नहीं।
नई दिल्ली। श्रद्धा वाकर हत्याकांड (shraddha walker murder case) मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस को अभी तक श्रद्धा का सिर नहीं मिला है। इस बीच जानकारी सामने आई है कि पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में जून में कटा हुआ सिर और हाथ मिला था। सिर फ्रिज में रखे जाने के चलते जमा हुआ था। यह श्रद्धा के शव का टुकड़ा था या नहीं इसकी पुष्टि डीएनए टेस्ट से होगी।
जून में पांडव नगर थाना क्षेत्र के रामलीला मैदान से मानव अंग बरामद किए गए थे। सिर और हाथ क्षत-विक्षत अवस्था में थे। पुलिस अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि वे शरीर के अंग किसके थे। पूर्वी दिल्ली में मिले शरीर के अंग श्रद्धा वाकर हत्याकांड से जुड़े हैं या नहीं इसकी जांच के लिए डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। पुलिस ने सैंपल भेज दिया है। पुलिस को उम्मीद है कि इससे जुड़ी फोरेंसिक रिपोर्ट जल्द आएगी। इससे साफ हो जाएगा कि सिर और हाथ श्रद्धा के थे या नहीं।
झाड़ियों के पीछे फेंका था सिर
पुलिस सूत्रों के अनुसार रामलीला मैदान से बरामद हुए शरीर के अंग किसी एक व्यक्ति के थे। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ था कि शरीर के अंगों को फ्रिज में रखा गया था और बाद में उन्हें झाड़ियों के पीछे फेंक दिया गया था। पांडव नगर थाना ने आगे की जांच के लिए मामला दक्षिणी दिल्ली पुलिस को सौंप दिया है। दक्षिणी दिल्ली पुलिस श्रद्धा हत्याकांड की जांच कर रही है।
यह भी पढ़ें- श्रद्धा के शव के टुकड़े करते वक्त आफताब ने बहाया था हजारों लीटर पानी, अहम सबूत साबित होगा 300 रुपए का वाटर बिल
18 मई को हुई थी श्रद्धा की हत्या
गौरतलब है कि आफताब और श्रद्धा लिव इन में रहते थे। आफताब ने 18 मई को श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या की थी। इसके बाद उसने आरी से काटकर श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। शव रखने के लिए आफताब ने 19 मई को 300 लीटर का फ्रिज खरीदा था। उसने शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखा और उन्हें 16 दिन में दिल्ली के विभिन्न इलाकों में ठिकाने लगा दिया। श्रद्धा का सिर, मोबाइल फोन और आरी अभी तक बरामद नहीं हुआ है।
यह भी पढ़ें- श्रद्धा हत्याकांड: आरी से लेकर कपड़े तक पुलिस को अब भी है कई अहम सबूतों की तलाश