समिति ने बताया कि उचित रीति-रिवाजों और परंपराओं का निर्वहन करते हुए कपाट खोलने की प्रक्रिया होगी। गेट रीति-रिवाजों के अनुसार ही खुलेंगे। यहां बसंत पंचमी उत्सव के लिए शाही टिहरी परिवार के लोग, बद्री-केदारनाथ मंदिर समिति के सदस्य, डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के प्रतिनिध और बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे थे।