सिलचर लोकसभा चुनाव रिजल्ट 2024, BJP कैंडिडेट Parimal Suklabaidya बने विनर, कांग्रेस प्रत्याशी को चटाई धूल

Published : Jun 04, 2024, 03:16 AM ISTUpdated : Jun 05, 2024, 04:58 AM IST
SILCHAR

सार

लोकसभा चुनाव 2024 में सिलचर सीट बीजेपी के परिमल शुक्ला बैद्य ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के सूर्यकांत सरकार को विशाल अंतर से हरा दिया है। बीजेपी नेता ने 2 लाख 64 हजार 311 वोट से जीत हासिल की है।   

SILCHAR Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में सिलचर सीट बीजेपी के परिमल शुक्ला बैद्य ने शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने कांग्रेस के सूर्यकांत सरकार को विशाल अंतर से हरा दिया है। बीजेपी नेता ने 2 लाख 64 हजार 311 वोट से जीत हासिल की है।

सिलचर लोकसभा चुनाव के फ्लैशबैक आंकड़े 

- 2019 के आम चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजदीप रॉय ने जीत दर्ज की थी। उनकी छवि साफ थी।

- पोस्ट ग्रेजुएट राजदीप के पास 2.99 करोड़ रुपए संपत्ति थी। उनपर 69.76 लाख रुपए कर्ज था।

- 2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी सुष्मिता देव सिलचर से जीतकर सांसद बनीं थी। उनके खिलाफ 1 केस दर्ज था।

- पोस्ट ग्रेजुएट सुष्मिता ने अपनी संपत्ति 8.74 करोड़ रुपए से अधिक बताई थी। वह 1.20 करोड़ रुपए की कर्जदार थीं।

- 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कवीन्द्र पुरकायस्थ को जीत मिली थी। उनपर कोई केस दर्ज नहीं था।

- पोस्ट ग्रेजुएट करने वाले कवीन्द्र ने अपनी संपत्ति 20.98 लाख रुपए बताई थी। वह 81 हजार रुपए के कर्जदार थे।

- 2004 के चुनाव में कांग्रेस के संतोष मोहन देव ने सिलचर सीट जीता था। उनपर एक भी केस दर्ज नहीं था।

- ग्रेजुएट तक पढ़ने वाले संतोष ने अपनी संपत्ति 1.23 करोड़ रुपए बताई थी। उनपर 1.70 लाख रुपए कर्ज था।

नोटः 2019 के इलेक्शन में सिलचर सीट पर 1195720 मतदाता थे, जबकि 2014 में 1060175 मतदाता थे। बीजेपी प्रत्याशी राजदीप रॉय 499414 वोट के साथ 2019 में सांसद बने और कांग्रेस उम्मीदवार को हराया। दूसरे नंबर की प्रत्याशी सुष्मिता देव को 417818 वोट मिला था। वहीं, सिलचर संसदीय क्षेत्र की जनता ने 2014 में कांग्रेस को बहुमत दिया। 336451 वोट पाकर सुष्मिता देव ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार कबींद्र पुरकायस्थ को हराया था। उन्हें 301210 वोट मिला था। हार का अंतर सिर्फ 35241 वोट था।

बीजेपी और कांग्रेस के बीच हमेशा असम की सिलचर संसदीय सीट पर लड़ाई ही रही है। 1980 से अब तक यहां की राजनीति सिर्फ दो नेताओं के ही इर्द-गिर्द रही है। ये दो नेता कांग्रेस के संतोष मोहन देव और बीजेपी के कबिंद्र पुरकायस्था हैं। 2014 में संतोष मोहन देव ने अपनी सियासी विरासत बेटी सुष्मिता देव को सौंप दी। पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वे उम्मीदों पर खरी उतरती हुई संसद पहुंचीं थी।

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