आसमान में और ताकतवर होगी भारतीय वायुसेना, दुश्मनों पर नजर रखने के लिए DRDO बना रहा 6 नई आंखें

अब आसमान में भारतीय वायसुना की ताकत में और इजाफा होने वाला है। दरअसल, स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत छह नए एयरबोर्ड अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल प्लेन्स (AEW&C) तैयार करने जा रहा है। ये विमान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तैयार करेगा।

Asianet News Hindi | Published : Dec 16, 2020 10:49 AM IST

नई दिल्ली. अब आसमान में भारतीय वायसुना की ताकत में और इजाफा होने वाला है। दरअसल, स्वदेशी रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत छह नए एयरबोर्ड अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल प्लेन्स (AEW&C) तैयार करने जा रहा है। ये विमान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तैयार करेगा। जिससे पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना आसानी से निगरानी कर सके। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने बताया कि 10 हजार 500 करोड़ की परियोजनाओं के तहत डीआरडीओ AEW&C ब्लॉक 2 एयरक्राफ्ट को तैयार करेगा। एयर इंडिया फ्लिट की तरफ से 6 एयरक्राफ्ट खरीदे जाएंगे। इन पर रडार के साथ इस तरह से नया रूप दिया जाएगा ताकि सुरक्षाबल 360 डिग्री निगरानी कर सकें। 
 
जल्द मंजूरी देगी सरकार
ये AEW&C ब्लॉक 2 विमान पिछले NETRA विमान के मुकाबले काफी विकसित होंगे। ये मिशन के दौरान दुश्मन क्षेत्र के काफी अंदर तक 360 डिग्री तक निगरानी कर सकेंगे। एएनआई के मुताबिक, सरकार को उम्मीद है कि इस परियजोना को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।  

एयर इंडिया फ्लीट पर AEW&C सिस्टम बनाने की इस योजना का मतलब यह भी हो सकता है कि इंडिया 6 एयरबस 330 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को अब ना खरीदे। जिन्हें पहले यूरोपीय कंपनी से खरीदने की योजना बनाई गई थी। 

पहले एयरबस 330 पर बनाने की थी योजना
इससे पहले डीआरडीओ ने एयरबस 330 पर AWACS सिस्टम तैयार करने की योजना थी। इन्हें बेंगलुरु में तैयार किया जाना था। इस प्लान के मुताबिक, छह नए विमानों में रडार को स्थापित करने के लिए विमानों के संशोधन के लिए यूरोप में मूल उपकरण निर्माता के पास विमान को भेजा जाना था।

आत्मनिर्भर भारत के तहत बदला प्लान
सूत्रों ने बताया कि लेकिन अब प्लान में तब्दीली की गई है। ताकि इस प्रोजेक्ट को मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत तैयार किया जा सके। परियोजना के ब्लॉक- I को निर्धारित समयसीमा में पूरा करने में देरी हुई लेकिन पूर्व अनुभव के साथ, DRDO के एयरबोर्न स्टडीज लैब सेंटर ने इसे कम समय सीमा में पूरा करने की योजना बनाई है।

अभी भारत के पास मौजूद ये विमान
भारतीय वायुसेना के पास PHALCON AWACS सिस्टम हैं। इन्हें भारत ने इजरायल और रूस से खरीदा है। इसमें इजरायल की रडार सिस्टम लगाया गया है, जबकि विमान रूस का है। वहीं, डीआरडीओ द्वारा बनााए गए दो 'नेत्र' विमानों ने हालिया संघर्षों में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है जहां वे दुश्मन गतिविधि पर नजर रखने में सफल हुए हैं। 

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