चीन के लद्दाख पर कब्जा को उजागर करने के लिए सोनम वांगचुक के पशमीना मार्च पर प्रशासन का शिकंजा, निषेधाज्ञा लागू

रविवार को पशमीना मार्च में शामिल होने के लिए एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचने के लिए हजारों आंदोलनकारियों के शामिल होने का अनुमान है। हालांकि, प्रशासन ने मार्च को रोकने के लिए पहले ही निषेधाज्ञा लागू करने के साथ इंटरनेट स्लो कर दिया है।

 

Sonam Wangchuk Pashmina march: चीन द्वारा कथित तौर पर लद्दाख की जमीन पर लगातार किए जा रहे अतिक्रमण को उजागर करने के लिए शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने मार्च का ऐलान किया है। सोनम वांगचुक के मार्च को देखते हुए लद्दाख प्रशासन ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। लेह जिला में इंटरनेट स्लो करने के साथ पूरे क्षेत्र में निषेधाज्ञा का आदेश जारी किया गया है।

दांडी की तरह पशमीना मार्च का वांगचुक ने किया ऐलान

Latest Videos

सोनम वांगचुक ने महात्मा गांधी के दांडी मार्च की तरह पशमीना मार्च का ऐलान किया है। रविवार को पशमीना मार्च में शामिल होने के लिए एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा तक पहुंचने के लिए हजारों आंदोलनकारियों के शामिल होने का अनुमान है। हालांकि, प्रशासन ने मार्च को रोकने के लिए पहले ही निषेधाज्ञा लागू करने के साथ इंटरनेट स्लो कर दिया है।

27 मार्च को मार्च का किया गया था ऐलान

'पशमीना मार्च' का आह्वान वांगचुक ने 27 मार्च को किया था। इस दिन वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने और उसके अधिकारों की सुरक्षा के लिए अपनी 21 दिन की भूख हड़ताल को खत्म किया था। दरअसल, संविधान की छठी अनुसूची के तहत लद्दाख की बहुसंख्यक आबादी आदिवासी बहुल है। इसलिए इस बहुलता वाले क्षेत्र के अधिकारों की रक्षा के लिए स्पेशल प्राविधान होना है।

सोनम वांगचुक का आरोप केंद्र सरकार के इशारे पर प्रशासन कर रहा उत्पीड़न

वांगचुक ने दावा किया कि शांतिपूर्ण मार्च की योजना के बावजूद, प्रशासन आंदोलन में भाग लेने वाले लोगों को डराने और बांड पर हस्ताक्षर करने का प्रेशर बना रहा है। लद्दाख एक केंद्र शासित प्रदेश है इसलिए प्रशासन को नई दिल्ली से निर्देश मिल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रशासन को किसी भी कीमत पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। 31 दिनों से अनशन चल रहा है और कोई घटना नहीं हुई है। फिर भी लोगों को पुलिस स्टेशनों में ले जाया जा रहा है और शांति भंग होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसे ही धमकाया जाता रहा तो मुझे डर है कि इससे वास्तव में शांति भंग हो सकती है इसलिए मैं अभी ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा।

वांगचुक ने कहा कि हजारों लोग चरवाहों के साथ शामिल होंगे और केंद्र शासित प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में सीमा क्षेत्र की ओर मार्च करेंगे। उन्होंने दावा किया है कि चीन ने 4,000 वर्ग किमी से अधिक जमीन हड़प ली है। जैसे महात्मा गांधी ने दांडी मार्च निकाला था, हम चांगथांग तक मार्च के लिए जा रहे हैं। हम चरवाहों के साथ जाएंगे और वे हमें दिखाएंगे कि हमारी चारागाह कहां थी और आज कहां है। वांगचुक ने प्रशासन से जेलों को तैयार रखने के लिए भी कहा। कहा कि मार्च के बाद जेल भरो आंदोलन (स्वेच्छा से गिरफ्तारी के लिए आंदोलन) शुरू किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो हम आने वाले हफ्तों और महीनों में लद्दाख में असहयोग आंदोलन शुरू करेंगे। यहां प्रशासन ठप हो जाएगा।

यह भी पढ़ें:

देश में अगर आतंकी गतिविधियां संचालित हुई तो हम आतंकवादियों को पाकिस्तान में घुसकर मारेंगे: राजनाथ सिंह

Share this article
click me!

Latest Videos

43 साल बाद कुवैत पहुंचे भारतीय पीएम, जमकर लगे मोदी-मोदी के नारे
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा