
Sonia Gandhi on VB-G RAM G Bill: कांग्रेस की संसदीय पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हाल ही में VB-G RAM G बिल को लेकर मोदी सरकार पर कड़ा आरोप लगाया। उन्होंने इसे 'काला कानून' करार दिया और कहा कि यह बिल देश के गरीब और किसानों के हितों पर हमला है। सोनिया गांधी ने वीडियो संदेश में ग्रामीणों और देशवासियों को चेतावनी दी कि इस कानून से मनरेगा (MGNREGA) के मूल उद्देश्य पर असर पड़ेगा। आइए जानते हैं सोनिया गांधी की चेतावनी की 5 अहम बातें...
सोनिया गांधी ने कहा कि नए VB-G RAM G बिल के तहत कौन कितना रोजगार पाएगा और कहां मिलेगा, यह अब केवल केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाएगा, जो जमीन पर स्थित वास्तविकताओं से दूर है। उनका मानना है कि यह गरीबों और किसानों के कानूनी अधिकारों पर हमला है, क्योंकि मनरेगा ने पिछले 20 सालों में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सुनिश्चित किया था।
सोनिया गांधी ने बिल में महात्मा गांधी का नाम हटाए जाने पर कड़ा विरोध जताया। उनका कहना था कि यह एक प्रतीकात्मक और नैतिक रूप से भी गलत कदम है। मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने वाली योजना थी और नाम हटाने का निर्णय गांवों और गरीबों के हित के खिलाफ माना जा रहा है।
सोनिया गांधी के अनुसार, नया बिल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की गारंटी को कमजोर कर सकता है। मनरेगा के पुराने कानून के तहत ग्रामीण मजदूरों को सालाना 100-125 दिन रोजगार का अधिकार मिलता था। नए बदलावों से यह अधिकार प्रभावित होगा और गरीबों की आजीविका पर संकट आ सकता है।
सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने बिना किसी विचार-विमर्श और विपक्ष की सहमति के बिल में बदलाव किया। उनका आरोप था कि यह एक एकतरफा निर्णय है, जो ग्रामीण स्तर की वास्तविक जरूरतों और गांवों की समस्याओं को नजरअंदाज करता है।
सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता इस काले कानून के खिलाफ पूरी ताकत से खड़े रहेंगे। उन्होंने ग्रामीणों और देशवासियों से भी अपील की कि मनरेगा के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठाएं। उनका कहना है कि यह सिर्फ पार्टी का मुद्दा नहीं, बल्कि देश के गरीबों और किसानों का हक़ है।