भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन (Omicron) नहीं डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण के शिकार हुए थे। गांगुली को 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी' दी गई।
कोलकाता। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन (Omicron) नहीं डेल्टा वैरिएंट के संक्रमण के शिकार हुए थे। उनके जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट आने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है।
49 साल के सौरव गांगुली की कोरोना रिपोर्ट पिछले सोमवार को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद उन्हें कोलकाता के वुडलैंड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। शुक्रवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टरों ने उनका इलाज कॉकटेल थेरेपी से किया। गांगुली को 'मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल थेरेपी' दी गई। उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण की पुष्टि होने के बाद अब इलाज डेल्टा के प्रोटोकॉल के अनुसार किया जा रहा है।
अपने घर पर आइसोलेट हैं गांगुली
डॉक्टरों ने पाया कि गांगुली को कोई परेशानी नहीं है। वे खतरे से बाहर हैं। इसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। वह अपने घर पर आइसोलेशन में हैं। अगले 15 दिन तक वह डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे। इस दौरान डॉक्टर इस बात पर नजर रखेंगे कि गांगुली को कोरोना संक्रमण के चलते स्वास्थ्य संबंधी कोई और परेशानी तो नहीं आ रही है। बता दें कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे पहले भारत में पाया गया था। इसके चलते देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आई थी। इससे बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थी।
साल 2021 सौरव गांगुली के लिए नहीं रहा अच्छा
गौरतलब है कि स्वास्थ्य की दृष्टि से साल 2021 सौरव गांगुली के लिए अच्छा नहीं रहा। 2 जनवरी 2021 को गांगुली को हार्ट की समस्या हुई थी। वुडलैंड हॉस्पिटल के ICU में उन्हें भर्ती किया गया था। वह 5 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे। 27 जनवरी को एक बार फिर उनकी तबियत खराब हो गई थी। उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 31 जनवरी को छुट्टी मिली थी।
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