
नई दिल्ली। भारत में स्पेस सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने का जो निर्णय लिया गया था, वह अब एक शक्तिशाली इंडस्ट्री के रूप में सामने आ रहा है। PM मोदी ने हैदराबाद में स्काईरूट एयरोस्पेस के इनफिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया, जो भारत की सबसे बड़ी प्राइवेट रॉकेट फैक्ट्री और देश के पहले प्राइवेट कमर्शियल रॉकेट विक्रम-I का घर है।
लगभग 200,000 स्क्वायर फीट में फैला यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट कैंपस हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बनाने की क्षमता रखता है। यह सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं, बल्कि भारत की नई स्पेस इकॉनमी का हब बन रहा है-जहां डिजाइनिंग, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और रॉकेट टेस्टिंग सब एक ही जगह हो रहा है। Skyroot Aerospace के Infinity Campus का उद्घाटन करते हुए PM मोदी ने कहा कि भारत का युवा देश के हितों को सबसे पहले रखता है और हर मौके का समझदारी से फायदा उठाता है। खास तौर पर Gen Z ने स्पेस सेक्टर खुलते ही इस अवसर को हाथों-हाथ लिया और पूरी क्षमता से आगे बढ़ा। आज भारत का स्पेस सेक्टर सिर्फ बढ़ नहीं रहा, बल्कि एक नई इंडस्ट्री के रूप में तेजी से उभर रहा है-जहां हजारों रोजगार, नए अवसर और तकनीक का बड़ा विस्तार देखने को मिल रहा है।
Skyroot का नया इनफिनिटी कैंपस सिर्फ एक बिल्डिंग नहीं, बल्कि भारत की बदलती सोच का प्रतीक है। करीब 200,000 स्क्वायर फीट में बनी यह हाई-टेक फैसिलिटी हर महीने एक ऑर्बिटल रॉकेट बनाने की क्षमता रखती है। यह पहली बार है जब भारत में किसी प्राइवेट कंपनी ने इतनी बड़ी क्षमता वाली रॉकेट फैक्ट्री बनाई हो। यही वजह है कि इसे भारत के स्पेस फ्यूचर का नया गेटवे कहा जा रहा है।
PM मोदी यहां Skyroot के पहले ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I को भी लॉन्च करेंगे। यह रॉकेट सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता रखता है और भारत की प्राइवेट स्पेस इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ा मील का पत्थर है।
सरकार ने जब स्पेस सेक्टर में प्राइवेट इनोवेशन को खुली जगह दी, तब भारत के युवाओं ने इसका सबसे तेज़ी से लाभ उठाया। बीते सात सालों में भारत का स्पेस सेक्टर एक बंद दुनिया से बदलकर एक ओपन, कोऑपरेटिव और इनोवेशन-ड्रिवन डोमेन बन चुका है। आज भारत में 300 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप काम कर रहे हैं और इनमें से बहुत से Gen Z द्वारा बनाए गए हैं। यह स्टार्टअप नए सैटेलाइट, नए रॉकेट, नई तकनीक और हजारों नई नौकरियों के रास्ते खोल रहे हैं।
Skyroot का इनफिनिटी कैंपस PM मोदी के उस विजन को भी आगे बढ़ाता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत 2030 तक हर साल 50 लॉन्च कर सकता है। इतना बड़ा लक्ष्य तभी संभव है जब भारत के प्राइवेट और सरकारी दोनों स्पेस संस्थान एक साथ आगे बढ़ें। Skyroot का यह नया कैंपस इसी दिशा में सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है।