श्रीलंका के आर्थिक संकट पर भारत को भी चिंता, सर्वदलीय मीटिंग में मंगलवार को मंथन

Published : Jul 17, 2022, 05:12 PM IST
श्रीलंका के आर्थिक संकट पर भारत को भी चिंता, सर्वदलीय मीटिंग में मंगलवार को मंथन

सार

संसद के मानसून सत्र से पहले पार्टियों की एक बैठक में, द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने मांग की कि भारत पड़ोसी देश में हस्तक्षेप करे जो सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक आपातकाल का सामना कर रहा है। ऑल पार्टी मीटिंग में एआईएडीएमके के एम.थंबीदुरई, डीएमके के टीआर बालू ने श्रीलंका में तमिल आबादी को लेकर चिंता जताई।  

नई दिल्ली। श्रीलंका (Sri Lanka) में मचे उथल-पुथल को लेकर भारत भी चिंतित है। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के दलों द्वारा हस्तक्षेप की मांग के बाद केंद्र सरकार ने सर्वदलीय मीटिंग बुलाने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और डॉ.एस.जयशंकर (Dr.S.Jaishankar) ने बताया कि मंगलवार की शाम को सर्वदलीय मीटिंग बुलाई गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संसद के मानसून सत्र से पहले पार्टियों की एक बैठक में, द्रमुक और अन्नाद्रमुक ने मांग की कि भारत पड़ोसी देश में हस्तक्षेप करे जो सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक आपातकाल का सामना कर रहा है। ऑल पार्टी मीटिंग में एआईएडीएमके के एम.थंबीदुरई, डीएमके के टीआर बालू ने श्रीलंका में तमिल आबादी को लेकर चिंता जताई।

भारत लगातार कर रहा है मदद

विभिन्न चैनलों के माध्यम से सहायता भेजने के अलावा, भारत ने अब तक संकट में हाथ से काम करने की भूमिका बनाए रखी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति के लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं।

भारत द्वारा श्रीलंका को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की ओर इशारा करते हुए, बयान में कहा गया है कि श्रीलंका अपनी नेबरहुड फर्स्ट नीति में एक केंद्रीय स्थान रखता है। भारत श्रीलंका का सबसे करीबी पड़ोसी है और हमारे दोनों देश गहरे सभ्यतागत बंधन साझा करते हैं।

श्रीलंका में विरोध प्रदर्शन के 100 दिन पूरे

श्रीलंका का विरोध आंदोलन रविवार को अपने 100 वें दिन पर पहुंच गया। पीएम व पूरे मंत्रिमंडल का इस्तीफा हो चुका है। राष्ट्रपति का भी इस्तीफा हो चुका है। श्रीलंका में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में रानिल विक्रमसिंघे ने शपथ ले लिया है। अब देश के आर्थिक संकट के जारी रहने के कारण अपने उत्तराधिकारी पर नजरें गड़ाए हुए हैं। दरअसल, गोटबाया राजपक्षे पिछले सप्ताह में प्रदर्शनकारियों के आक्रमण से कुछ ही समय पहले अपने महल से भाग गए और गुरुवार को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।

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