अर्धसैनिक बलों में बढ़ी आत्महत्या की प्रवृत्ति, रोकने को सरकार ने किया ये इंतजाम

Published : Dec 04, 2024, 07:17 PM ISTUpdated : Dec 04, 2024, 07:19 PM IST
Paramilitary forces

सार

CAPF जवानों में आत्महत्या और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के मामले बढ़ रहे हैं। निजी कारणों से आत्महत्या की घटनाएँ अधिक हैं, और सरकार ने जवानों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं।

नई दिल्ली। CAPF (Central Armed Police Forces) जैसे अर्धसैनिक बलों के जवानों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ गई है। लंबे समय तक काम करने की अवधि और सोने में परेशानी जैसी बातों के चलते जवान न सिर्फ मौत को गले लगा रहे हैं बल्कि अपनी सेवा पूरी होने से पहले रिटायरमेंट ले रहे हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में इस संबंध में महत्वपूर्ण डाटा शेयर किया है। सरकार ने कहा है कि 730 जवानों की मौत आत्महत्या के चलते हुई है। वहीं, 55 हजार से ज्यादा जवानों ने या तो इस्तीफा दे दिया है या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की राह देख रहे हैं।

निजी वजहों से ज्यादातर जवान करते हैं आत्महत्या

केंद्र सरकार ने बताया है कि ज्यादातर जवान निजी वजहों से आत्महत्या कर रहे हैं। CAPF कर्मियों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के कारणों का पता लगाने के लिए बने टास्क फोर्स ने कहा कि आत्महत्या करने वाले 80 प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत छुट्टी से घर लौटने के बाद हुई। रिपोर्ट में कहा गया, "सुसाइड के मुख्य कारणों में जीवनसाथी या परिवार के सदस्य की मौत, वैवाहिक कलह या तलाक, पैसे से जुड़ी कठिनाइयां और बच्चों के लिए शिक्षा के पर्याप्त अवसर नहीं जुटा पाना शामिल हैं।"

जवानों को दी जा रही 100 दिन की छुट्टी

गृह मंत्रालय ने कहा है कि इस समस्या से निपटने के लिए सुनिश्चित किया जा रहा है कि जवानों को अपने परिवार के साथ समय बिताने का ज्यादा मौका मिले। जवानों को 100 दिन छुट्टी देने की नीति अपनाई गई है। 42,797 जवानों ने इस अवकाश नीति का उपयोग किया है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा, "इस साल अक्टूबर तक 6,302 कर्मियों ने अपने परिवार के साथ 100 दिन बिताए। 2023 में यह आंकड़ा 8,636 और 2021 में 7,864 था।"

गृह मंत्रालय ने टास्क फोर्स को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और असम राइफल्स में आत्महत्या की प्रवृत्ति रोकने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा है। सैनिकों की शिकायतों का पता लगाने और उनका परेशानी के हल के लिए अधिकारियों का नियमित संपर्क में रहने के लिए कहा गया है। ड्यूटी के घंटों इस तरह व्यवस्थित करना है कि जवानों को पर्याप्त आराम मिले। सैनिकों के रहने की स्थिति में सुधार और पर्याप्त मनोरंजन की सिफारिश भी गृह मंत्रालय ने की गई है।

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