बिग न्यूजः सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन, एम्स दिल्ली में ली अंतिम सांस-PM ने जताया दुख

सुलभ इंटरनेशनल ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस पर झंड़ारोहण के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उनको एम्स दिल्ली में एडमिट कराया गया।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 15, 2023 11:34 AM IST / Updated: Aug 15 2023, 05:50 PM IST

Bindeshwar Pathak passes away: सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। दिल्ली AIIMS में बिंदेश्वर पाठक ने अंतिम सांस ली है। सुलभ इंटरनेशनल ऑफिस में स्वतंत्रता दिवस पर झंड़ारोहण के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उनको एम्स दिल्ली में एडमिट कराया गया। सुलभ इंटरनेशनल संस्था के माध्यम से देश और विदेशों में टॉयलेट बनाकर उन्होंने स्वच्छता अभियान को गति दी थी। सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना 1970 में की थी। 80 साल के डॉ. बिंदेश्वर पाठक पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके है। पाठक, मूलत: बिहार के रहने वाले थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दु:ख

पीएम नरेंद्र मोदी ने डॉ.बिंदेश्वर पाठक के निधन पर दु:ख जताया है। पीएम ने ट्वीट कर कहा कि डॉ. बिंदेश्वर पाठक जी का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। बिंदेश्वर जी ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा। उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।

1970 में सुलभ इंटरनेशनल की शुरूआत

डॉ.बिंदेश्वर पाठक ने सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना की थी। उनकी सोच और पहल की वजह से पूरे देश में रेलवे स्टेशन्स, बस स्टेशन्स सहित प्रमुख सार्वजनिक जगहों पर सुलभ शौचालयों का निर्माण कराया। महात्मा गांधी को आदर्श मानने वाले डॉ.पाठक ने मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। सार्वजनिक शौचालयों की मदद से गरीबों-वंचितों सहित जरूरतमंदों के लिए एक गरिमापूर्ण जीवनशैली जीने की पहल की।

वैशाली के रहने वाले डॉ.पाठक को टाइम मैगजीन में भी मिल चुकी है जगह

बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। डॉ. पाठक को साल 1999 में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साल 2003 में विश्व के 500 उत्कृष्ट सामाजिक कार्य करने वाले व्यक्तियों की सूची में डॉ.पाठक का भी नाम शामिल किया गया था। उनके सुलभ इंटरनेशनल को टाइम मैगजीन ने अनूठे संग्रहालय के रूप में स्थान दिया था।

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