जज साहब, मेरी पत्नी औरत नहीं, एक मर्द है, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा अजीबो-गरीब धोखाधड़ी का मामला

Published : Mar 12, 2022, 09:14 AM ISTUpdated : Mar 12, 2022, 09:36 AM IST
जज साहब, मेरी पत्नी औरत नहीं, एक मर्द है, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा अजीबो-गरीब धोखाधड़ी का मामला

सार

सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में एक हैरान करने वाले मामला पहुंचा है। एक शख्स ने आरोप लगाया था कि जिसे वो ब्याह कर लाया, वो महिला नहीं, मर्द है। उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पीड़ित ने इस मामले में न्याय दिलाने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को पीड़िता की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि निश्चय ही कथित पत्नी पर धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि उसके पास पुरुष जननांग हैं।

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में एक हैरान करने वाले मामला पहुंचा है। एक शख्स ने आरोप लगाया था कि जिसे वो ब्याह कर लाया, वो महिला नहीं, मर्द है। उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। पीड़ित ने इस मामले में न्याय दिलाने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को पीड़िता की याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया कि निश्चय ही कथित पत्नी पर धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि उसके पास पुरुष जननांग हैं।

wife has a male genital: वो महिला नहीं, मर्द है
यह मामल सबसे पहले मई 2019 में सामने आया था। तब ग्वालियर के एक मजिस्ट्रेट ने पीड़ित द्वारा दायर शिकायत पर उसकी कथित पत्नी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप पर संज्ञान लिया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उसकी शादी 2016 में हुई थी। लेकिन शादी के तत्काल बाद उसे पता चला कि उसकी पत्नी औरत नहीं, एक मर्द है। उसके पास पुरुष जननांग(male genital) हैं। यानी वो इस शादी के लिए पूरी तरह से अक्षम है। उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध नहीं बन सकते हैं। पीड़ित ने कथित पत्नी और उसके पिता के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए अगस्त 2017 में मजिस्ट्रेट से संपर्क किया था।

यह भी पढ़ें-यात्रा के दौरान महिलाएं सामान संभालें या बच्चे, यह परेशानी दूर करने हैदराबाद में सामने आई 'बेबी ट्रॉली'

एक जन्मजात विकार है
पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने में अनिच्छा जताई थी, लेकिन न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने आरोपी पत्नी से जवाब अवश्य मांगा था। लेकिन पीड़ित ने कोर्ट के सामने पत्नी की मेडिकल रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि उसकी पत्नी के पास एक लिंग और अविकसित हाइमन( penis and an imperforate hymen) है। अविकसित हाइमन एक जन्मजात विकार(congenital disorder) है। यह योनि(vagina) को बाधित करत है। पीड़ित के वकील सीनियर एडवोकेट एनके मोदी(NK Mody) ने बेंच को बताया कि भारतीय दंड संहित की धारा 420(criminal offence under Section 420-cheating) के तहत यह एक आपराधिक मामला है, क्योंकि पत्नी एक पुरुष निकली है।

यह भी पढ़ें-Bulli Bai App : पुलिस ने दायर की 917 पेज की चार्जशीट, मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वालों पर क्या आरोप लगाए

मप्र उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका
यह मामला जून, 2021 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय( Madhya Pradesh high court) ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के उस आदेश को  रद्द कर दिया था, जिसमें धोखाधड़ी के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए पत्नी को सम्मन जारी किया गया था। पीड़ित के वकील मोदी हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। उन्होंने बेंच के सामने दलील दी कि पीड़ित के पास पर्याप्त सबूत हैं, जो साबित करते हैं कि अपूर्ण हाइमन के कारण उसकी पत्नी को महिला नहीं कहा जा सकता है।

यह भी पढ़ें-गर्भवती को अस्पताल पहुंचाने परिजनों ने किया एम्बुलेंस को फोन, जवाब मिला-वहां सड़क नहीं है

पत्नी ने भी दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी
दूसरी ओर पत्नी ने भी अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने परिवार परामर्श केंद्र में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा था कि उसके साथ क्रूर बर्ताव किया जाता है। इस बीच ग्वालियर के एक अस्पताल में महिला का मेडिकल परीक्षण कराया गया था। साथ ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पति और उसकी बहन के बयान दर्ज कराए गए थे। फिर पत्नी को सम्मन भेजा गया था। इसके खिलाफ पत्नी ने मप्र हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
 

PREV

Recommended Stories

बिना डरे बाड़ फांदकर भारत में कुछ यूं घुसते हैं बांग्लादेशी, यकीन ना हो तो देख लो ये वीडियो!
गोवा नाइटक्लब आग: लूथरा ब्रदर्स की थाईलैंड में हिरासत की पहली तस्वीरें