
नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति दी है। अगले सप्ताह इस मामले में सुनवाई होगी। जज इंदिरा बनर्जी और जेके माहेश्वरी की अवकाश बेंच ने कहा कि गर्मी की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट के खुलने पर इस याचिका पर सुनवाई होगी।
दरअसल,अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं हैं। याचिकाओं में गुहार लगाई गई है कि अग्निपथ स्कीम को लेकर सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को खारिज किया जाए। केंद्र सरकार ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में केवियट दायर किया था। केंद्र सरकार ने कहा है कि कोई भी फैसला सुनाने से पहले उसकी बात भी सुनी जाए।
याचिका में की गई अग्निपथ स्कीम रद्द करने की मांग
वकील मनोहर लाल शर्मा ने अग्निपथ योजना के खिलाफ याचिका लगाई है। उन्होंने इसे खारिज करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि अग्निपथ स्कीम से युवाओं को अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है। अग्निपथ स्कीम को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश और नोटिफिकेशन खारिज किया जाए। वहीं, वकील विशाल तिवारी ने भी अग्निपथ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। उन्होंने इसकी जांच करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी के गठन की गुहार लगाई है।
14 जून को सार्वजनिक की गई थी अग्निपथ योजना
केंद्र सरकार ने 14 जून को सैन्य बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना सार्वजनिक किया था। इस योजना के तहत सेना में भर्ती शुरू हो गई है। इसके तहत 17 साल छह महीने से लेकर 21 साल के युवक-युवती सेना में भर्ती के लिए आवेदन दे सकते हैं। सेना में शामिल होने वाले 25 फीसदी जवानों को नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा।
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2022 के लिए बढ़ाई गई उम्र सीमा
अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। कई राज्यों में उपद्रव किया गया था और ट्रेनों को जला दिया गया था। इसके बाद सरकार ने 16 जून को इस योजना के तहत भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 2022 के लिए 21 से बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था।
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