सार

केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम (Agnipath scheme) के तहत एयरफोर्स में भर्तियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। एयर आफिसर इन-चार्ज पर्सनल एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कई और बातें बताईं।
 

बेंगलुरू.  केंद्र की अग्निपथ स्कीम (Agnipath scheme) के तहत भर्तियों के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। स्कीम लांच होने के बाद इस मुद्दे पर देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन हुए, कई राज्यों में ट्रेनें फूंक दी गईं और करोड़ों के राजस्व की क्षति हुई। आखिर क्या है अग्निपथ स्कीम, किस बात को लेकर रहा कंफ्यूजन, अग्निवीरों को किन सेक्टर्स में होंगे नौकरी के आफर और एयरफोर्स अग्निवीर वायु में लड़कियों की भर्तियां कब शुरू होंगी। इन्हीं सब सवालों को लेकर एशियानेट न्यूज के रेजीडेंट एडीटर प्रशांत रघुवासम ने एयर आफिसर इन-चार्ज पर्सनल पद पर कार्यरत एयर मार्शल सूरज कुमार झा से एक्सक्लूसिव बातचीत ही। पेश हैं इसके मुख्य प्वाइंट्स...

अग्निवीर वायु को लेकर युवाओं का रिस्पांस
एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने बताया कि अग्नीवीर वायु के लिए नौजवानों का उत्साह देखने लायक है। यंगस्टर्स में जबरदस्त उत्साह है। शुरूआत के सिर्फ 4 दिनों में हमने 1.5 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन किए हैं। अभी भी हमारे पास एक सप्ताह का समय है और हमें पूरी उम्मीद है कि यूथ का शानदार रिस्पांस मिलेगा। जहां तक युवाओं की भर्ती की संख्या की बात है तो निश्चित तौर पर यह संख्या बढ़ती जाएगी। हमने अगले वर्ष के लिए हमने 3 हजार 500 का टार्गेट रखा है, उसके अगले साल के लिए 4 हजार 400 का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके बाद भी इसमें बदलाव होते रहेंगे।

अग्निपथ स्कीम को लेकर कंन्फ्यूजन और जवाब
1. 4 साल की सेवा ही क्यों दी गई
अग्निपथ स्कीम को लेकर कई तरह कंफ्यूजन सामने आए। इनमें से सबसे बड़ा कंफ्यूजन यह है कि 4 साल के बाद अग्निवीरों को वापस भेज दिया जाएगा। उसके बाद उनका क्या होगा। इस सवाल के जवाब में एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि देखिए 4 साल का पीरियड अच्छा होता है। 17 साल 6 महीने की उम्र में भर्ती होने वाला अग्निवीर 21 साल 6 महीने की उम्र में वह वापस आ जाएगा। जो 21 साल में भर्ती होगा वह 25 वर्ष की उम्र तक वापस आ जाएगा। हमने सिर्फ इस साल के लिए 23 साल की उम्र सीमा रखी हो, जो 27 वर्ष की उम्र में वापस आ जाएंगे। इस उम्र में यानि 25 से 30 साल की उम्र में गर्वमेंट सेक्टर में, प्राइवेट सेक्टर में तमाम मौके हैं। वह उम्र की वजह से जाब नहीं पाएंगे, ऐसा नहीं है। उनके लिए मौके कम नहीं हैं।

2. 4 साल बाद कहां जाएंगे अग्निवीर
दूसरा बड़ा कंफ्यूजन यह रहा कि जो अग्निवीर 4 साल के बाद जो वापस आएंगे, उन्हें किस तरह के जाब मिल सकते हैं। इसके जवाब में एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि मैं तो कहूंगा कि कई तरह के जाब कर सकते हैं। आप जाब का नाम लीजिए, वे कर सकते हैं। सभी तरह के जाब की बात कर रहा हूं। लाजिस्टिक चेन मैनेजमेंट, इलेक्ट्रिकल एंड पावर स्टोरेज मैनेजमेंट, अकाउंटिंग सर्विसेज। सबसे ज्यादा जाब तो एविएशन सेक्टर में मिलेंगे। अग्निवीर को एयरक्राफ्ट्स को मेंटेन रखने की ट्रेनिंग दी जाएगी। एयर आपरेशंस की ट्रेनिंग मिलेगी। पावर सेक्टर, पावर स्टोरेज मैनेजमेंट की तरह कई कई सेक्टर्स हैं, जहां उन्हें आसानी से जाब मिल सकती है। 

3. क्या रूक जाएगी अग्निवीरों की पढ़ाई
तीसरा डर यह भी है कि अग्निवीरों की पढ़ाई रूक जाएगी और वे उच्च शिक्षा नहीं पूरी कर पाएंगे। इस महत्वपूर्ण सवाल के जवाब में एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि इसमें एक बात क्लीयर होनी चाहिए कि अग्नीवीरों की जो ट्रेनिंग है, उसमें 50 प्रतिशत हिस्सा उनकी आगे की एजुकेशन से ही जुड़ा होगा। यदि वह 12वीं पास हैं तो उन्हें डिप्लोमा करने या डिग्री पाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मुझे नहीं लगता कि यह डर का कारण होना चाहिए। 

क्या होगी 25 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटेन करने की प्रक्रिया
इस सवाल पर कि 4 साल के बाद जिन 25 फीसदी अग्नीवीरों को रिटेन करने की बात कही जा रही है, उसका प्रासेस क्या होगा। इस पर एयर मार्शल सूरज कुमार ने जवाब दिया कि इसकी एक तय और पारदर्शी प्रक्रिया है। हम 4 साल के पीरियड में तीन परीक्षाएं लेंगे। यह एग्जाम का एक पार्ट होगा। हर साल हम अग्नीवीरों को ट्रेनिंग देंगे। इसके अलावा के ट्रेनिंग के दौरान ही उनकी एजुकेशनल क्वाविफेशन का भी प्रोसेस रखा गया है। वे कई तरह के हेल्थ, शोल्जर प्रोसेस, फिटनेस आदि की ट्रेनिंग से गुजरेंगे। उनका डिसिप्लीन रिकार्ड रहेगा। इसके अलावा वे जिन अधिकारियों की देखरेख में वर्क कर रहे हैं उनका असेसमेंट होगा। यह सब कामन नेटवर्क प्लेटफार्म पर होगा। मैं यह एश्योर कर सकता हूं कि हम सभी अग्निवीर वायु को प्रूफ करने का पूरा मौका देंगे। इसके बाद एयरफोर्स के लिए कारगर 25 फीसदी का चयन किया जाएगा।

कब हो सकती है लड़कियों की भर्तियां
अग्निवीर स्कीम के तहत नौसेना में लड़कियों की भर्ती भी जाएगी लेकिन अभी एयरफोर्स में यह शुरू नहीं किया गया है। एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने बताया कि एयरफोर्स में यंग गर्ल्स के पूरे चांसेस हैं। हम भी यही चाहते हैं। हालांकि इस बार हम ऐसा नहीं कर रहे हैं। इस पर हमने डिटेल स्टडी कराया है। जिसे जल्द ही हायर अथारिटी के सामने रखा जाएगा। इनके रिकमंडेशन को स्टडी करने के बाद निर्णय होगा। हम भी चाहते हैं 17 से 21 साल की लड़कियां भर्ती हों ताकि हम उन्हें ट्रेंड कर सकें। हमारे पास महिला आफिसर्स की अच्छी खासी संख्या है और वे अपने फील्ड में बेहतर कर रही हैं। जल्द ही हम इसमें भी लड़कियों को शामिल करना शुरू कर सकते हैं।

क्यों हुआ अग्निपथ स्कीम का विरोध
अग्निपथ स्कीम लांच होने के बाद देश भर में विरोध-प्रदर्शन किए गए और विपक्षी पार्टियां अभी भी विरोध पर अड़ी हैं। इस सवाल के जवाब में एयर मार्शल ने कहा कि हमने कई सारे प्रोटेस्ट देखे हैं। इसका मुख्य कारण होता है कि वास्तव में कोई कमी हो, या फिर प्रोटेस्ट के लिए मैनिपुलेट किया जाए, या फिर कोई इसका फायदा उठाने की कोशिश करे। आपने यह भी देखा होगा कि जिस तेजी से विरोध शुरू हुआ, उसी गति से समाप्त भी हो गया। जैसे-जैसे लोगों ने स्कीम को समझा, उन्हें लगा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। स्कीम ओपन होने के बाद रजिस्ट्रेश के लिए जिस तरह का उत्साह दिख रहा है, वह इसका प्रूफ है।

एयरफोर्स में कैसे होगा ट्रांसफार्मेश
अग्निपथ योजना से एयरफोर्स में क्या ट्रांसफार्मेशन होगा। इस सवाल के जवाब में एयर मार्शल ने कहा कि हम इन्हें अग्निवीर वायु के नाम से बुलाते हैं। इस स्कीम से एयरफोर्स में बड़ा बदलाव, बेहतर ट्रांसफार्मेशन देखने को मिलेगा। सबसे पहले यह कि अग्नीवीर हमारे एयरफोर्स के जवानों की औसत उम्र को कम करेंगे। हम उनको अलग-अलग मैनर्स में ट्रेंड कर सकते हैं। हम उनके टेक सेवी होने का फायदा पाएंगे। आप जानते ही हैं कि आज के युवा कंप्यूटर, गैजेट्स को लेकर काफी सजग हैं। वे अवेयर रहते हैं। हम उनकी इन स्कील्स को चैनलाइज करेंगे ताकि एयरफोर्स को ओवरआल फायदा मिले। हमारे एयरफोर्स में औसत आयु 34 से 36 के बीच है। हमारी कोशिश है कि इसे हम करीब 26 वर्ष तक ले आएं। 

अग्निवीरों को कैसी मिलेगी ट्रेनिंग
अग्निपथ स्कीम के तहत मिलने वाली ट्रेनिंग को लेकर भी कई सवाल उठे हैं। इस पर एयर मार्शल ने कहा कि जहां तक ट्रेनिंग की बात है तो यह अलग-अलग तरह की होगी। कोई पार्ट होगा जिसमें पर्सनैलिटी की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसमें कम्यूनिकेश, लैंग्वेज, डिसिप्लीन, वे कैसे बात करते हैं, कैसे चलते हैं, यह सब शामिल रहेगा। इसके अलावा उन्हें बेसिक सैन्य ट्रेनिंग भी दी जाएगी। जिसमें ट्रैवल ट्रेनिंग, हथियारों को हैंडल करने की ट्रेनिंग, पंचुएलिटी,जैसे चीजें रहेंगी। इसके अलावा स्कील ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यह पूरी तरह से अलग होगा और कैंडिडेट के एप्टीट्यूड पर आधारित होगा। इसके अलावा स्किल ट्रेनिंग भी जाएगी। साथ ही साथ एजुकेशन भी ट्रेनिंग का हिस्सा होगा। 

कारगिल वार के बाद की गई सिफारिश
अग्निपथ स्कीम की चर्चा की बात करें तो यह 1984 से ही चर्चा में है लेकिन इस लागू करने में कई वर्ष बीत गए। इस पर एयर मार्शल ने कहा कि कारगिल वार के दौरान में फ्रंट लाइन पायलट्स में से एक था। मैं एयरफोर्स के सभी लोगो को धन्यवाद कहूंगा और मुझे गर्व है कि हम ऐसे लोगों के साथ मिलकर युद्ध कर रहे थे। पूरे वार के दौरान हमें कभी किसी चीज की दिक्कत नहीं हुई। हम चौबीसों घंटे फ्लाइट कर रहे थे, तैयार होने का समय बहुत कम होता था। इसके बाद भी फील्ड में कोई शार्ट कमिंग नहीं थी। जहां तक फाइडिंग्स की बात है तो कारगिल रिव्यू कमेटी ने इस पूरे कारगिल एपिसोड को बहुत ही व्यापक रिव्यू किया है। उन्होंने जो रिकमंडेशन किए हैं, उसमें यह है कि एयरफोर्स आर्म्ड फोर्से के लोगों की उम्र कम की जाए। उस आब्जर्वेंश के बाद ही अग्निपथ स्कीम सामने आई है।

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