शाहीन बाग : प्रदर्शनकारियों ने खुद खोला एक तरफ का रास्ता, दिल्ली से नोएडा जाने वालों को होगी सुविधा

नई दिल्ली. शाहीन बाग में सीएए विरोध प्रदर्शन के बीच बड़ी खबर आई है। पिछले दो महीने से ज्‍यादा समय से शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के कारण बंद सड़क को प्रदर्शनकारियों ने खोल दिया है। हालांकि एक तरफ की सड़क ही खोली गई है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 9:58 AM IST / Updated: Feb 22 2020, 05:51 PM IST

नई दिल्ली. शाहीन बाग में सीएए विरोध प्रदर्शन के बीच बड़ी खबर आई है। पिछले दो महीने से ज्‍यादा समय से शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के कारण बंद सड़क को प्रदर्शनकारियों ने खोल दिया है। हालांकि एक तरफ की सड़क ही खोली गई है। इससे दिल्‍ली से नोएडा जाने वाले लोगों को काफी राहत मिलेगी। वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को मनाने के लिए चौथे दिन भी वार्ताकार पहुंचे। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने सामने कई मांगें रखीं। इससे पहले तीन दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई नतीजा नहीं निकला। वार्ताकारों का कहना था कि छोटे ग्रुप में बात की जाए, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह इकट्ठा होकर ही बात करेंगे। 

"प्रदर्शन करने वालों को पार्क जाने के लिए नहीं कहा"
प्रदर्शनकारियों से बातचीत के दौरान वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने कहा कि उन्होंने कभी भी प्रदर्शनकारियों को पार्क में जाकर प्रदर्शन करने के लिए नहीं कहा। प्रदर्शनकारियों ने मांग रखी कि वे सुरक्षा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग और जामिया के लोगों के खिलाफ मुकदमे वापस लिए जाएं।

"सीएए वापस लेंगे तब ही रोड खाली होगा"
बातचीत के दौरान एक दादी ने कहा, सरकार सीएए वापस लेगी तभी रोड खाली होगा। एक अन्य महिला ने कहा, अगर आधी सड़क खुलती है तो सुरक्षा और अलुमिनियम शीट चाहिए। हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट को लेनी होगी। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, स्मृति ईरानी ने हम (प्रदर्शनकारी महिलाएं) पर टिप्पणी की कि शाहीन बाग की महिलाएं बातचीत के लायक नहीं हैं। जिन लोगों ने शाहीन बाग के खिलाफ गलत बोला है उनके खिलाफ कार्रवाई हो।

शुक्रवार को क्या बातचीत हुई थी? 
शुक्रवार को महिलाओं ने कहा था, जब आसपास की कई सड़कें खुली हैं तो हमें प्रदर्शन के लिए दूसरे स्थान पर जाने के लिए क्यों कहा जा रहा? यह इकलौती सड़क नहीं है जो दिल्ली-नोएडा को जोड़ती है। जवाब में वार्ताकार संजय हेगड़े ने कहा, आज शिवरात्रि है। अपनी बात रखना आपका अधिकार है। आप जो कहना चाहती हैं वो कहें। हम मिलकर सभी प्रभावित पक्षों के लिए कोई फैसला लें। मध्यस्थों ने दिल्ली पुलिस को भी धरना स्थल पर बुलाया है।

15 दिसंबर से ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है 
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे हैं। दिल्ली चुनाव में शाहीन बाग का मुद्दा जोरों पर था। यहां तक की गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि 8 फरवरी को मतदान के दिन ईवीएम की बटन इतनी तेजी से दबाना की करंट शाहीन बाग में लगे।

क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन विधेयक को 10 दिसंबर को लोकसभा ने पारित किया। इसके बाद राज्य सभा में 11 दिसंबर को पारित हुआ। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद 12 दिसंबर को यह विधेयक कानून बन गया। इस कानून के मुताबिक, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता के लिए संबंधित शख्स 6 साल पहले भारत आया हो। इन देशों के छह धर्म के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिलने का रास्ता खुला। ये 6 धर्म हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी हैं।

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