सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज से पूछा - क्या आपने मुन्नाभाई एमबीबीएस देखी है... जानें क्या है पूरा मामला

Supreme court news :  महाराष्ट्र के चूडामन पाटिल मेडिकल कॉलेज के इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रही थी। अस्पताल पर आरोप है कि उसने फर्जी मरीजों की भर्ती दिखाकर मेडिकल सीटें बढ़ाने का आवेदन किया, लेकिन निरीक्षण में पकड़ा गया।  

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने सोमवार को एक निजी मेडिकल कॉलेज (Medical College) पर कड़ी टिप्पणियां की। इस अस्पताल पर मरीजों की संख्या बढ़ाकर दिखाने के लिए रिकॉर्ड में हेरफेर करने का आरोप है। जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि इस मामले में फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस की तरह के आरोप लग रहे हैं। 

सीटें बढ़ाने मेडिकल कॉलेज ने दिखाई फर्जी मरीजों की भर्ती!
दरअसल, मामला मेडिकल सीटें बढ़ाने के लिए फर्जीवाड़े के आरोपों का है। बताया गया है कि महाराष्ट्र के चूडामन मेडिकल कॉलेज की बाल चिकित्सा वार्ड (paediatric ward) में सभी बच्चों को बिना किसी समस्या के भर्ती कराया गया था। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज की तरफ से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा- क्या आपने मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म देखी है। अस्पताल में नकली मरीज कैसे भर्ती किए? मकर संक्रांति पर बीमारी खत्म नहीं होती है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने मेडिकल कॉलेज की ओर से पेश हुए डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी से कहा कि यह मामला फर्जी रिकॉर्ड का है। 

Latest Videos

NMC ने कैंसिल की है सीटें बढ़ाने की अनुमति 
सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच में जस्टिस सूर्य कांत भी शामिल हैं। यह बेंच बॉम्बे हाई कोर्ट के एक फैसले के खिलाफ नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने मेडिकल छात्रों की सीटें बढ़ाने के लिए अन्नासाहेब चूडामन पाटिल मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के पुन: निरीक्षण की अनुमति दी थी। दरअसल, मेडिकल कॉलेज ने एमबीबीएस कोर्स (MBBS)के लिए छात्रों के दाखिले 100 से बढ़ाकर 150 करने के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ उसने जो दस्तावेज जमा किया था, उसमें कहा गया था कि भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसे देखते हुए मेडिकल स्टूडेंट्स की सीटें 100 से बढ़ाकर 150 की जानी चाहिए। इसके बाद NMC ने 14 जनवरी, 2022 को एक औचक निरीक्षण किया गया था, लेकिन वहां उतने मरीज भर्ती नहीं मिले, जितने कागजों पर दिखाए गए थे। इसके आधार पर एनएमसी ने मेडिकल छात्रों के दाखिले बढ़ाने की अनुमति वापस ले ली थी। 

मेडिकल कॉलेज ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती 
मेडिकल कॉलेज ने हाईकोर्ट में एनएमसी के निर्णय को चुनौती ने। इस पर हाईकोर्ट ने मेडिकल कॉलेज को दोबारा निरीक्षण कराने या फिर पुनर्विचार अपील का विकल्प दिया। हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एनएमसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कहा कि इसे एनएमसी अधिनियम के प्रावधानों को ध्यान में रखे बिना पारित किया गया। उधर, मेडिकल कॉलेज इस बात से भी नाराज था कि निरीक्षण ठीक से नहीं किया गया था और उसी के दौरान घोर लापरवाही की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद, हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया और मामले को हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए बहाल कर दिया और नए सिरे से निर्णय लिया।

यह भी पढ़ें
कर्नाटक हाईकोर्ट ने रद्द किया ऑनलाइन गेम्स को बैन करने करने वाला कानून, जुए के खिलाफ कानून बनाने की छूट
राहुल गांधी के बाद तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने आर्मी पर उठाए सवाल, मांगा सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत
पुलवामा हमले की बरसी पर विपक्ष ने हमारे शहीदों का अपमान किया, ऐसा करने वालों को बख्शेंगे नहीं : असम के CM

 

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह