भड़काऊ बयान देने वालों की अब नहीं खैर, Supreme Court ने कहा- शिकायत नहीं मिले तब भी करें केस, पालघर मामले की जांच करेगी CBI

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि नफरत फैलाने वाले बयान देने पर शिकायत नहीं मिलने पर भी केस दर्ज किया जाए। केस दर्ज करने में देर होने को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।

Vivek Kumar | Published : Apr 28, 2023 12:58 PM IST / Updated: Apr 28 2023, 06:41 PM IST

नई दिल्ली। भड़काऊ बयान देने वालों की अब खैर नहीं है। कोई व्यक्ति शिकायत करे या नहीं, ऐसे लोगों के खिलाफ केस दर्ज होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा कि नफरत फैलाने वाले बयान (Hate Speech) देने पर शिकायत नहीं मिलने पर भी केस दर्ज किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभद्र भाषा से देश का धर्मनिरपेक्ष ताने-बाना प्रभावित होता है। यह गंभीर अपराध है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 2022 के आदेश का दायरा बढ़ाया और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे शिकायत न होने पर भी अभद्र भाषा के मामले दर्ज करें।

केस दर्ज करने में देर हुई तो माना जाएगा अदालत की अवमानना
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि हेट स्पीच के संबंध में केस दर्ज करने में देर करना अदालत की अवमानना ​​माना जाएगा। अदालत ने कहा, "किसी को कानून तोड़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती चाहे वह किसी भी जाति, समुदाय या धर्म का हो।" दरअसल, अक्टूबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को निर्देश दिया था कि वे देश में नफरत फैलाने वाले भाषणों पर धर्म देखे बिना आरोपियों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करें।

पालघर साधु लिंचिंग मामले की जांच करेगी सीबीआई
एक अन्य मामले में महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पालघर लिंचिंग मामले (Palghar lynching case) की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपी जाएगी। यह मामला अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिंचल गांव में भीड़ द्वारा दो साधुओं और उनके कार चालक की पीट-पीट कर हत्या करने का है।

बच्चा चोर की अफवाह के चलते हुई थी तीन लोगों की हत्या
16 अप्रैल 2020 को दो साधु और एक कार ड्राइवर अपने आध्यात्मिक गुरु के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गुजरात के सूरत जा रहे थे। तीनों महाराष्ट्र-गुजरात सीमा पर पुलिस चौकी से वापस लौटे और गांवों से होकर जाने वाली सड़कों से सूरत पहुंचने की कोशिश की। दो सप्ताह पहले से गडचिंचल गांव और उसके आसपास बच्चा चोरों के घूमने की अफवाहें फैल रहीं थी। इन्हीं अफवाहों के चलते गांव के लोगों ने तीनों पर हमला कर दिया था। इस मामले में करीब 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। महाराष्ट्र पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने घटना की जांच की। कई नाबालिगों को भी हिरासत में लिया गया था।

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