Article 370 के खिलाफ बहस करने वाले शिक्षक निलंबित: सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, CJI बोले-मिस्टर एजी...उपराज्यपाल से करें बात

जहूर अहमद भट के सस्पेंशन के बारे में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया। बुधवार को जहूर अहमद भट, अनुच्छेद 370 के खिलाफ सुनवाई में मौजूद थे।

Dheerendra Gopal | Published : Aug 28, 2023 2:11 PM IST

Article 370 scrapping: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के लेक्चरर के सस्पेंशन पर बड़ा कदम उठाया है। एपेक्स कोर्ट ने अटॉनी जनरल से कहा कि वह उप राज्यपाल मनोज सिन्हा व अन्य अधिकारियों से बात कर बताएं कि लेक्चरर को क्यों सस्पेंड किया जिसने आर्टिकल 370 के खिलाफ बहस किया। कोर्ट में बहस करने से जुड़े मुद्दे को लेकर तो शिक्षक पर कार्रवाई नहीं की गई है। प्रतिशोध में की गई ऐसी कार्रवाई न्याय के विरुद्ध है।

दरसअल, जम्मू-कश्मीर के रहने वाले जहूर अहमद भट, कानून की डिग्री प्राप्त करने के साथ साथ वह एक डिग्री कॉलेज में राजनीति विज्ञान के सीनियर लेक्चरर के रूप में कार्यरत हैं। बीते बुधवार को वह सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने की सुनवाई के दौरान बहस में मौजूद थे। जहूर अहमद भट, अनुच्छेद खत्म किए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बहस के लिए पहुंचे थे। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस मुद्दे की सुनवाई कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट में बहस के दो दिन बाद सस्पेंड

बुधवार को जहूर अहमद भट, अनुच्छेद 370 के खिलाफ सुनवाई में मौजूद थे। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया। जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने जम्मू-कश्मीर सिविल सेवा विनियम, जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचरण नियम और जम्मू-कश्मीर अवकाश नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी मानते हुए भट पर कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबन का आदेश जारी कर दिया है। शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन की अवधि के दौरान, दोषी जहूर अहमद भट स्कूल शिक्षा निदेशालय जम्मू के कार्यालय में अटैच रहेंगे।

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी

जहूर अहमद भट के सस्पेंशन के बारे में सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया। सिब्बल ने कहा कि जो अकादमिक यहां आया और कुछ मिनटों के लिए बहस की, उसे 25 अगस्त को निलंबित कर दिया गया। उसने दो दिनों के लिए छुट्टी ली थी। वापस चला गया लेकिन निलंबित कर दिया गया।

कोर्ट ने जताई नाराजगी

सिब्बल से जानकारी मिलने के बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने अटार्नी जनरल आर वेंकटरमणी को इस मुद्दे पर गौर करने और मामले से अवगत कराने का निर्देश दिया। सीजेआई ने नाराजगी जताते हुए कहा: मिस्टर एजी, देखिए क्या हुआ है। इस अदालत में पेश होने वाले किसी व्यक्ति को अब निलंबित कर दिया गया है... उपराज्यपाल से बात करें। अगर कुछ और है, तो वह अलग है। लेकिन उसके सामने आने और फिर निलंबित होने का इतना करीबी सिलसिला क्यों? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि निलंबन अन्य मुद्दों से संबंधित था लेकिन जस्टिस एसके कौल द्वारा समय की ओर इशारा करने के बाद उन्होंने स्वीकार किया कि यह निश्चित रूप से उचित नहीं है। इस पर श्री सिब्बल ने कहा कि भट्ट के निलंबन का आदेश पहले ही दिया जाना चाहिए था। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि सरकारी कार्रवाई प्रतिशोध हो सकती है। उन्होंने कहा कि फिर इतनी आज़ादी का क्या होगा...अगर यह यहां दिखावे के कारण हुआ है तो यह वास्तव में प्रतिशोध है।

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