सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपने डिजिटल डेटा को क्लाउड बेस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में ट्रांसफर कर देगा।
Supreme Court 75th anniversary: सुप्रीम कोर्ट 75 साल का हो गया है। रविवार को सर्वोच्च न्यायालय के 75 साल होने पर आयोजित कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश ने फ्यूचर प्लान बताया। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट को लांच किया। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जल्द ही अपने डिजिटल डेटा को क्लाउड बेस्ड इंफ्रास्ट्रक्चर में ट्रांसफर कर देगा। एक संस्था के रूप में प्रासंगिक बने रहने के लिए सुप्रीम कोर्ट की क्षमता के लिए चुनौतियों को पहचानने और कठिन बातचीत शुरू करने की जरूरत है।
सीजेआई ने बताया कि डिजिटल सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट लोगों को डिजिटल फार्मेट में निर्णय निःशुल्क उपलब्ध कराएगी। 1950 के बाद से 36,308 मामलों को कवर करने वाली सुप्रीम कोर्ट रिपोर्टों के सभी 519 खंड डिजिटल फार्मेट में बुकमार्क किए गए हैं। यह यूजर्स के अनुसार ओपन एक्सेस के लिए उपलब्ध होगी।
नई वेबसाइट लांच
75 साल के होने पर सुप्रीम कोर्ट की नई वेबसाइट भी लांच की गई। वेबसाइट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह के दौरान लांच किया। सुप्रीम कोर्ट का उद्घाटन 28 जनवरी 1950 में किया गया था।
भविष्य की योजनाओं को साझा किया
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि आज एक महत्वपूर्ण अवसर है। संविधान के माध्यम से लोगों ने खुद को यह न्यायालय सौंपा। संविधान साथी नागरिकों के प्रति पारस्परिक सम्मान के बारे में है। सीजेआई ने कहा कि हम टेक्नोलॉजी से लैस एक वॉर रूम खोलने की कगार पर हैं जिसेसे सुप्रीम कोर्ट पूरे देश के रियल टाइम के न्यायिक डेटा की निगरानी कर सकेगा।
सुस्वागतम एक ऑनलाइन ऐप है जो उपयोगकर्ताओं को अन्य गतिविधियों के अलावा अदालती कार्यवाही में भाग लेने या वकीलों से मिलने के लिए पंजीकरण करने और ई-पास का अनुरोध करने की अनुमति देता है।
महिलाओं को मिल रहा यहां मौका
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि देश भर में अब अधिक से अधिक महिला पेशेवर महत्वपूर्ण पदों पर नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले, कानून का पेशा एक विशिष्ट पुरुष पेशा था लेकिन अब जिला न्यायपालिका में 36 फीसदी महिलाएं हैं। हाल ही में चयनित उम्मीदवारों में से 50 फीसदी से अधिक महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि 41 फीसदी कानून क्लर्क जो न्यायाधीशों की सहायता करते हैं महिलाएं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते 11 महिला वकीलों को वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया था।