महिला सैन्य अधिकारियों की एक और जीत, SC ने केंद्र को दी permanent commission देने के लिए 3 सप्ताह की मोहलत

केंद्र को उन सभी अधिकारियों को 3 सप्ताह के भीतर स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया, जो अभी तक अदालत से संपर्क नहीं कर पाए हैं, लेकिन पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : Nov 12, 2021 10:02 AM IST / Updated: Nov 12 2021, 03:56 PM IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद सेना (Indian Army) में स्थायी कमिशन (permanent commission) की हकदार 11 और महिला अधिकारियों के अलावा उन चेहरों पर मुस्कान आ गई है जो कोर्ट नहीं पहुंच सकी थीं। SC ने शुक्रवार को एक फैसले में केंद्र को उन सभी अधिकारियों को 3 सप्ताह के भीतर स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया, जो अभी तक अदालत से संपर्क नहीं कर पाए हैं, लेकिन पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी कि वह सेना को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराने से बचने के लिए आदेशों का अनुपालन करे। कोर्ट ने यह आदेश तब दिया जब केंद्र सरकार (Central Government) जानकारी दे रहा था कि वह 10 दिनों के भीतर 11 और अधिकारियों को स्थायी कमीशन जारी करेगा, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। 

बीते 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

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सुप्रीम कोर्ट (SC) ने 22 अक्टूबर को केंद्र सरकार को 39 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन जारी करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chndrachud) ने चेतावनी देते हुए कहा था कि, "हम सेना को अवमानना ​​का दोषी ठहराएंगे। मैं आपको सतर्क कर रहा हूं।" जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "सेना अपने अधिकार में सर्वोच्च हो सकती है लेकिन देश की संवैधानिक अदालत अपने अधिकार क्षेत्र में सर्वोच्च है।"

70 से अधिक महिला अधिकारियों ने कोर्ट में की थी अपील

सत्तर से अधिक महिला सैन्य अधिकारियों ने अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दरअसल, कोर्ट ने मार्च में महिला सैन्य अधिकारियों के पक्ष में आदेश दिया था। लेकिन सरकार ने उसका अनुपालन नहीं किया। मार्च के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना को सभी महिला शॉर्ट सर्विस कमीशन अधिकारियों (WSSCO) को स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया गया था जिन्होंने निर्धारित मानदंडों को पूरा किया। कोर्ट ने इस कवायद को पूरा करने के लिए सरकार को तीन महीने का समय दिया था।

कोर्ट के आदेश को नहीं मानने पर महिला सैन्य अधिकारियों ने कोर्ट का दरवाजा फिर खटखटाया था। महिला अधिकारियों ने कोर्ट के मार्च 2021 के फैसले का पालन नहीं करने के लिए रक्षा मंत्रालय के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही की मांग की थी।

इन नियमों के तहत महिला अधिकारियों का हक बन रहा

उन सभी महिला अधिकारी जिन्होंने अपने मूल्यांकन में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वे स्थायी कमीशन के लिए पात्र हैं। इन पात्र अधिकारियों को स्थायी कमिशन देना सेना के 1 अगस्त, 2020 के आदेश द्वारा निर्धारित चिकित्सा मानदंडों को पूरा करने और अनुशासनात्मक और सतर्कता मंजूरी प्राप्त करने के अधीन हैं।

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