शिक्षक भर्ती घोटाला में बढ़ सकती हैं अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें: सुप्रीम कोर्ट ने CBI व ED जांच में हस्तक्षेप से किया इनकार

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने बनर्जी को कानून के तहत उपलब्ध उपायों का लाभ उठाने की अनुमति दी लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के 18 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 10, 2023 10:30 AM IST / Updated: Jul 10 2023, 07:20 PM IST

West Bengal Teachers recruitment scam: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भर्ती घोटाला में सीबीआई और ईडी जांच में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। सोमवार को अभिषेक बनर्जी की याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि वह केंद्रीय एजेंसियों की जांच को बाधित नहीं कर सकता। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने बनर्जी को कानून के तहत उपलब्ध उपायों का लाभ उठाने की अनुमति दी लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट के 18 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी कैसे बने आरोपी?

सीबीआई ने दावा किया है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में कुंतल घोष की अहम भूमिका थी। वह शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से पैसे मांगता था। कुंतल घोष ने स्पेशल सीबीआई जज को पत्र लिखा था। इसमें आरोप लगाया गया था कि सीबीआई उसपर तृणमूल कांग्रेस के बड़े नेताओं समेत पार्टी के नेशनल जनरल सेक्रेटरी अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दवाब बना रही है। सीबीआई के दावे के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ईडी और सीबीआई को कुंतल घोष पत्र मामले में उनसे पूछताछ करने की अनुमति दी गई थी। कलकात्ता हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अभिषेक बनर्जी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे लेकिन कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।

घोष ने कहा-सीबीआई व ईडी अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का बना रही दबाव

गिरफ्तार आरोपी कुंतल घोष ने कोर्ट ले जाते समय यह मीडिया के सामने दावा किया था कि सीबीआई व ईडी के अधिकारी उस पर अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का दबाव बना रहे हैं। घोष ने कहा था, "वे मुझपर आरोप लगा रहे हैं कि अभिषेक बनर्जी पर शिक्षक भर्ती घोटाला केस में शामिल होने का आरोप लगाऊं। मैंने जज को इस संबंध में विस्तार से जानकारी दी है।" 

सीबीआई ने कहा कि घोष घोटाले का मास्टरमाइंड था। उसने अभ्यर्थियों के लिए रेट लिस्ट बना रखी थी। TET परीक्षा में अभ्यर्थी को मिले नंबर के आधार पर पैसे लिए जाते थे। जिस अभ्यर्थी के नंबर कम होते उससे अधिक पैसे की डिमांड की जाती थी।

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