राज्यों में उप मुख्यमंत्री पद की नियुक्ति असंवैधानिक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सीनियर लीडर्स को अधिक महत्व देने के लिए सत्ताधारी दल में यह प्रथा

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि पार्टी या सत्ता में पार्टियों के गठबंधन में वरिष्ठ नेताओं को थोड़ा अधिक महत्व देने के लिए कई राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा अपनाई जाती है।

Dheerendra Gopal | Published : Feb 12, 2024 12:28 PM IST / Updated: Feb 12 2024, 06:20 PM IST

Deputy CM not unconstitutional: राज्यों में उप मुख्यमंत्री पद असंवैधानिक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि उप मुख्यमंत्री पद असंवैधानिक नहीं है। किसी भी राज्य में ऐसी नियुक्ति को खारिज नहीं किया जा सकता। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि पार्टी या सत्ता में पार्टियों के गठबंधन में वरिष्ठ नेताओं को थोड़ा अधिक महत्व देने के लिए कई राज्यों में उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने की प्रथा अपनाई जाती है। यह नियुक्ति किसी भी प्रकार से संविधान का उल्लंघन नहीं करता है।

डिप्टी सीएम, मंत्री से अलग या बड़ा ओहदा नहीं

सीजेआई चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य में उप मुख्यमंत्री भले ही किसी को कहा जाए लेकिन होता यह एक मंत्री का संदर्भ ही है। एक डिप्टी सीएम किसी भी राज्य में पहला और सबसे महत्वपूर्ण मंत्री होता है। यह नियुक्ति संविधान का उल्लंघन नहीं है।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में दावा किया गया था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री के लिए कोई पद निर्धारित नहीं है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन है। याचिका में आरोप लगाया गया था कि यह एक गलत उदाहरण स्थापित करता है और ऐसी नियुक्ति करने के आधार पर सवाल उठाता है।

गठबंधन को संतुष्ट करने के लिए डिप्टी सीएम का पद

कोर्ट ने कहा कि उप मुख्यमंत्रियों को अक्सर राज्य के मुख्यमंत्री की सहायता के लिए नियुक्त किया जाता है। यह गठबंधन दलों के सीनियर लीडर्स को समायोजित करने के लिए नियुक्त किया जाता है। कई राज्यों में दो-दो उप मुख्यमंत्री हैं तो कहीं एक भी नहीं है। आंध्र प्रदेश में पांच उप मुख्यमंत्री हैं। उपमुख्यमंत्री का पद कैबिनेट मंत्री के समकक्ष होता है और उसे समान वेतन और सुविधाएं मिलती हैं।

 

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