सुप्रीम कोर्ट से डॉ.सत्येंद्र जैन को राहत: ED के विरोध के बाद भी 1 सितंबर तक अंतरिम जमानत को किया एक्सटेंड

जैन को पिछले साल 30 मई को ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।

Delhi Ex Minister interim bail extended: आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत को पहली सितंबर तक बढ़ा दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच कर रही ईडी केस में यह राहत दी है। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की बेंच ने जैन की मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करने के बाद उनको राहत देने का फैसला सुनाया।

24 जुलाई को पांच सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत को एक्सटेंड कर दिया

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सुप्रीम कोर्ट ने पहले 24 जुलाई को डॉ.सत्येंद्र जैन को अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी थी। कोर्ट ने तब पांच सप्ताह के लिए उनकी अंतरिम जमानत बढ़ाई थी। मेडिकल कंडिशन्स को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया। हालांकि, ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत को एक्सटेंड करने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था।

इससे पहले, 26 मई को सुप्रीम कोर्ट ने हेल्थ ग्राउंड के आधार पर जैन को छह सप्ताह की अवधि के लिए अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा कि एक व्यक्ति को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इलाज कराने का अधिकार है और उसका खर्च वहन किया जा सकता है। जैन को पिछले साल 30 मई को ईडी ने कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।

एजेंसी की कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद हुई। इसके बाद, उन्होंने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले के संबंध में 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट से नियमित जमानत हासिल कर ली।

सत्येंद्र जैन के यहां 6 जून को रेड पड़ी थी

सत्येंद्र जैन के घर की 6 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तलाशी ली थी। जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से हवाला(मनी लॉन्ड्रिंग) के जरिये लेनदेन का आरोप है। रेड के दौरान उनके ठिकानों से ₹2 करोड़ से अधिक नकद और 1.8 किलोग्राम वजन का सोना जब्त हुआ था। ED की जांच में सामने आया है कि सत्येंद्र जैन 2015-16 में कोलकाता की एक फर्म के साथ हवाला के जरिये लेनदेन किया था। जैन को 4.81 करोड़ की संपत्तियों को ED द्वारा कुर्क किए जाने के करीब 2 महीने बाद अरेस्ट किया गया। जांच एजेंसी ने CBI द्वारा दर्ज FIR के आधार पर एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में कई मुखौटा कंपनियां बनाईं या खरीदीं और उनके माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को व्हाइट किया।

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