Delhi Riots 2020: हेट स्पीच देने वाले BJP नेताओं पर FIR के लिए SC ने दिया हाईकोर्ट को 3 महीने की मोहलत

पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के पीड़ितों की याचिका में भाजपा के कपिल मिश्रा, सांसद प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के साथ-साथ केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के खिलाफ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच करने और इन लोगों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई थी।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को 2020 के दिल्ली दंगों को भड़काने वाले कथित घृणास्पद भाषणों के खिलाफ फैसला देने के लिए तीन माह की मोहलत दी है। कोर्ट ने यह मोहलत एक केंद्रीय मंत्री सहित भाजपा नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दी है। एपेक्स कोर्ट ने हाईकोर्ट से कहा कि तीन महीने में निर्णय ले लें।

दिल्ली दंगों के पीड़ितों ने याचिका दायर की

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पिछले साल राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के पीड़ितों की याचिका में भाजपा के कपिल मिश्रा, सांसद प्रवेश वर्मा और अभय वर्मा के साथ-साथ केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के खिलाफ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच करने और इन लोगों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई थी। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने को कहा है।

Delhi Riots 2020 timeline: जानिए कब, क्या-क्या हुआ? 

22 फरवरी 2020, रात के 10.30 बजे- उत्तर-पूर्वी दिल्ली के
जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे धीरे-धीरे नागरिकता संशोधन
कानून (CAA) के विरोध में महिलाओं की भीड़ जुटनी शुरू
हुई। महिलाओं ने स्टेशन के नीचे एक तरफ की सड़क को
जाम कर दिया और विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया। 

23 फरवरी 2020, सुबह के 9 बजे- जाफराबाद मेट्रो स्टेशन
के नीचे की सड़क बंद हो जाने से यातायात बाधित होने
लगा। आवाजाही पर असर पड़ा। लोगों को मुश्किलों का
सामना करना पड़ा। हालात को देखते हुए पुलिस ने
प्रदर्शनकारियों से सड़क खोलने का आग्रह किया। पुलिस और
प्रदर्शनकारियों के बीच बात चल ही रही थी कि इस बीच
बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लोगों से सीएए के
समर्थन में मौजपुर चौक पर जमा होने की अपील कर
डाली। 

23 फरवरी 2020, 3.30 से 4 बजे- नागरिकता संशोधन
कानून (CAA) के समर्थकों की भीड़ वहां जमा हो गई।
इसके बाद वहां पहुंचकर बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने पुलिस
को 3 दिन के भीतर सड़क खुलवाने का अल्टीमेटम दिया। 

23 फरवरी 2020, 4 बजे- दिल्ली के बाबरपुर इलाके में
नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों ने
एक-दूसरे पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। 

23 फरवरी 2020, 4 से 5 बजे- नतीजा ये हुआ कि दिल्ली
के मौजपुर, करावल नगर, बाबरपुर और चांद बाग इलाके में
हिंसा और बवाल शुरू हो गया।

23 फरवरी 2020, रात 9 से 11 बजे- हिंसा शुरू हो जाने के
बाद बेकाबू हो गई। राजधानी दिल्ली के करावल नगर,
मौजपुर, बाबरपुर और चांदबाग के इलाके में उपद्रवियों ने कई
वाहनों को आग के हवाले कर दिया। 23 फरवरी की रात
पुलिस ने हालात पर काबू पाने का दावा किया। 

24 फरवरी 2020, दोपहर 12-1.30 बजे- दोपहर होते-होते
बाबरपुर इलाके में पत्थरबाजी शुरू हो गई। नकाब पहने
उपद्रवी हाथ में तलवार लहराते हुए सड़कों पर उतर आए।
बाबरपुर से शुरू हुई हिंसा करावल नगर, शेरपुर चौक,
कर्दमपुरी और गोकलपुरी तक फैलती चली गई।

24 फरवरी 2020, 2.30 से 3.30 बजे- भजनपुरा में बस
समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पेट्रोल पंप में
भी आग लगा दी गई। हिंसा में एक पुलिसकर्मी की मौत हो
गई, जबकि डीसीपी घायल हो गए। 

24 फरवरी 2020, 7.30 से 8 बजे- सुबह से शुरू हुआ हिंसा
का दौर रुक-रुक कर रात तक चलता रहा। गोकुलपुरी इलाके
में टायर मार्केट को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया।
टायर की दुकानें धू-धू कर जलने लगीं। 

24 फरवरी 2020, रात 10 बजे- देर रात तक हिंसा और
बवाल जारी रहा। रात करीब 10 बजे मौजपुर और घोंडा चौक
भी हिंसा और बवाल शुरू हो गया। 

25 फरवरी 2020, सुबह 7 बजे- मौजपुर और ब्रह्मपुरी में
पत्थर बाजी शुरू हो गई। पथराव शुरू होने के बाद वहां भारी
संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई। प्रभावित इलाकों में
हालात संभालने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां
भी तैनात की गई। 

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