मणिपुर हिंसा में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: सीबीआई जांच की निगरानी करेंगे पूर्व आईपीएस, एसआईटी की निगरानी के लिए राज्य के बाहर के 7 डीआईजी

Attorney General आर वेंकेटरमणी ने कहा कि किसी भी बाहरी जांच की अनुमति दिए बिना जिलास्तर पर एसआईटी गठन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई अभी जारी रखे हुए है।

 

Dheerendra Gopal | Published : Aug 7, 2023 10:03 AM IST / Updated: Aug 07 2023, 05:35 PM IST

Supreme Court on Manipur violence: मणिपुर हिंसा के मामले में सोमवा को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को राज्य के डीजीपी राजीव सिंह हाजिर हुए। केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि हिंसा संबंधित मामलों की जांच के लिए जिलेवार एसआईटी का गठन किया जाएगा। बेंच की अध्यक्षता सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने की है। Attorney General आर वेंकेटरमणी ने कहा कि किसी भी बाहरी जांच की अनुमति दिए बिना जिलास्तर पर एसआईटी गठन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में सुनवाई अभी जारी रखे हुए है।

पुनर्वास व अन्य मदद के लिए तीन रिटायर्ड जजों की कमेटी बनाई

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा से संबंधित मामलों में पुनर्वास, अन्य मुद्दों पर गौर करने और इस पर फोकस रखने के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की एक कमेटी गठित की है। कमेटी का दायरा हिंसा की घटनाओं की जांच से अधिक व्यापक होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी गठित करते हुए कहा कि हमारा प्रयास कानून के शासन में विश्वास की भावना बहाल करना है। हम एक स्तर पर तीन पूर्व एचसी न्यायाधीशों की एक समिति का गठन कर रहे। यह समिति जांच के अलावा अन्य चीजों को भी देखेगी - जिसमें राहत, उपचारात्मक उपाय आदि शामिल होंगे। कमेटी जस्टिस गीता मित्तल (जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश), जस्टिस शालिनी जोशी (बॉम्बे उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश) और जस्टिस आशा मेनन (दिल्ली उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश) होंगी।

पूर्व आईपीएस करेंगे सीबीआई जांच की निगरानी

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की निगरानी के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी को नियुक्त किया है। पूर्व आईपीएस दत्तात्रेय पडसलगीकर को सीबीआई जांच की निगरानी का जिम्मा कोर्ट ने सौंपा है। कोर्ट ने कहा कि मणिपुर में सीबीआई जांच करने वाली टीम में डिप्टी एसपी रैंक के पांच अधिकारी होंगे। इन अधिकारियों को विभिन्न राज्यों से सीबीआई में लाया जाएगा। यह अधिकारी सीबीआई के बुनियादी ढांचे और प्रशासनिक ढांचे के चारों कोनों में भी काम करेंगे।

42 एसआईटी का भी होगा गठन

कोर्ट ने आदेश दिया कि मणिपुर हिंसा के उन मामलों जोकि सीबीआई को ट्रांसफर नहीं किए गए हैं, को 42 एसआईटी देखेंगी। इस एसआईटी की निगरानी मणिपुर के बाहर के डीआईजी रैंक के अधिकारियों के जिम्मे होगी। राज्य के बाहर के सात डीआईजी रैंक के अधिकारियों को एसआईटी की निगरानी के लिए लगाया जाएगा। प्रत्येक डीआईजी रैंक का अधिकारी, छह एसआईटी की निगरानी करेगा कि जांच सही चल रही है या नहीं।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी को बुलाया

मणिपुर हिंसा मामले में सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य के डीजीपी राजीव सिंह के व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहने का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने एफआईआर को कैटेगरीवाइज अलग रखने, प्रशासन द्वारा इस बाबत की गई कार्रवाईयों सहित अन्य सवालों का जवाब देने के लिए डीजीपी को तलब किया था। अटार्नी जनरल वेकंटरमणी ने कोर्ट को बताया कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम संबंधी 11 से अधिक एफआईआर है। इसकी जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई के हवाले केस के अतिरिक्त मामलों के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। एसआईटी में महिला अधिकारी रहेंगी।

बेंच हिंसा से संबंधित लगभग 10 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसमें पुनर्वास और राहत के मामलों के अलावा अन्य मामलों की अदालत की निगरानी में जांच सहित राहत की मांग की गई है।

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