दिव्यांगों का मजाक उड़ाने पर सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना को लगाई फटकार, दिए सख्त निर्देश

Published : Aug 25, 2025, 01:39 PM IST
सुप्रीम कोर्ट

सार

Supreme Court Orders Samay Raina to Apologize: स्टैंडअप कॉमेडियन्स की आपत्तिजनक बातों पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि पैसे कमाने के लिए किसी का मज़ाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

Supreme Court Orders Samay Raina to Apologize: सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए मशहूर कॉमेडियन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समय रैना समेत कई लोगों को दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आदेश दिया है।कोर्ट ने कहा कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उस पर सख्त सजा और जुर्माना भी लगाया जाएगा।

दिव्यांगों का मजाक उड़ाने पर कड़ी फटकार

यह मामला SMA Cure Foundation की याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया था, जिसमें कहा गया था कि कुछ कॉमेडियन दिव्यांगों के बारे में अपमानजनक बातें कर रहे हैं। याचिका में समय रैना के साथ-साथ विपुन गोयल, बलराज परमजीत सिंह घई, सोनाली ठक्कर और निशांत जगदीश तनवर के नाम शामिल हैं।

सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे

इन पर आरोप है कि अपने शो और पॉडकास्ट में इन्होंने ऐसी बातें कही है जिससे दिव्यांगों की गरिमा को ठेस पहुंची। इस मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मशहूर कॉमेडियन समय रैना और अन्य लोगों को दिव्यांगों का मजाक उड़ाने के लिए फटकार लगाई और साफ निर्देश दिया कि वे अपने पॉडकास्ट और कार्यक्रमों में सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।

दोबारा ऐसी हरकत करने पर लगेगा जुर्माना

जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने कहा कि कुछ लोग अभिव्यक्ति की आजादी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और इसे व्यवसाय का जरिया बना रहे हैं। किसी खास वर्ग की भावनाओं को आहत करने के लिए समुदाय का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अधिकार और कर्तव्य में संतुलन जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसी हरकत दोबारा हुई तो कोर्ट यह भी तय करेगा कि कितना जुर्माना लगाया जाए।

यह भी पढ़ें: कभी नहीं सोचा था....अंतरिक्ष से लौटने के बाद शुभांशु शुक्ला ने साझा की ये खास बातें

केंद्र सरकार को दिया निर्देश

कोर्ट ने कहा कि अभी मामला दिव्यांगों का है, लेकिन आगे महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी निशाना बनाए जा सकते हैं। इसलिए केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह सोशल मीडिया पर किसी भी वर्ग के अपमान या मजाक पर रोक लगाने के लिए गाइडलाइन तैयार करे।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

पैसेंजर्स की आपबीतीः लंबी कतारें-रोते लोग और बार-बार IndiGo का दर्द देने वाला अनाउंसमेंट
कौन है वो शख्स जिससे पुतिन ने मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू से पहले मिलाया हाथ-Watch Video