सुप्रीम कोर्ट ने 22 मई तक नोएडा में बने अवैध 40 मंजिला ट्विन टॉवर गिराने के आदेश दिए

सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने नोएडा में बने अवैध 40 मंजिला जुड़वा टॉवर (twin towers) को 22 मई तक गिराने के आदेश दिए हैं। पिछले साल इसी मामले में हुई सुनवाई में HC ने निवेशकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाने का भी आदेश दिया था। इस मामले में नोएडा अथॉरिटी को 17 मई को अपडेट स्टेटस रिपोर्ट लेकर कोर्ट के सामने हाजिर होना है। यानी अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

Asianet News Hindi | Published : Feb 28, 2022 7:28 AM IST / Updated: Feb 28 2022, 01:10 PM IST

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने नोएडा में बने अवैध 40 मंजिला जुड़वा टॉवर (twin towers) को 22 मई तक गिराने के आदेश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है। बेंच ने 7 फरवरी को टॉवर गिराने की कार्रवाई शुरू करने को कहा था। पिछले साल इसी मामले में हुई सुनवाई में HC ने निवेशकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाने का भी आदेश दिया था।

demolish 40-storey twin towers of Noida: 17 मई तक स्टेटस रिपोर्ट सम्मिट करनी होगी
सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक एमरेल्ड के बनाए ट्विन टावर (Twin Tower) को गिराने का काम शुरू करने को कहा है। साथ ही नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक को नोएडा अथॉरिटी को बताई गई समय-सीमा का पालन करने का आदेश भी दिया है। इस मामले में नोएडा अथॉरिटी को 17 मई को अपडेट स्टेटस रिपोर्ट लेकर कोर्ट के सामने हाजिर होना है। यानी अगली सुनवाई 17 मई को होगी।

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पिछले साल दिए थे गिराने के आदेश
वैध तरीके से बिल्डिंग्स तानने वाले बिल्डर्स के लिए ये अलर्ट होने वाली खबर है। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2021 को अपने एक अहम फैसले में नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के अपैक्स एंड स्यान यावे-16 और 17 को अवैध निर्माण करार देते हुए गिराने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक को आदेश दिए गए हैं कि 40 मंजिला जुड़वा टॉवर (twin towers) में फ्लैट खरीदने वाले 1000 निवेशकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पूरा पैसा लौटाए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाओं पर अपना यह फैसला सुनाया था।

हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती
दिल्ली-एनसीआर की बड़ी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा में एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन twin टॉवर को गिराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इनके निर्माण में नियमों का घोर उल्लंघन मिला था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल हुई सुनवाई में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह अवैध निर्माण नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों और सुपरटेक के बीच सांठगांठ का परिणाम है। इस अवैध निर्माण को तब तीन महीने के अंदर गिराने के आदेश दिए गए थे। हालांकि बाद में मामला खिंचता गया। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल, 2014 को अपना फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के खरीदारों को स्वीकृत योजना दिलाने में बिल्डर नाकाम रहा। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए कहा  कि ये भ्रष्टाचार में डूबे हैं।

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