बच्चों की अश्लील तस्वीरें देखना और रखना अपराध: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए

Asianetnews Hindi Stories | Published : Sep 23, 2024 6:29 AM IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों के अश्लील वीडियो डाउनलोड करके देखना और रखना पॉक्सो कानून के तहत अपराध है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि अगर तस्वीरें देखने वाले व्यक्ति के दूसरे लाभ के उद्देश्य हैं तो यह पॉक्सो कानून के तहत अपराध होगा. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह अहम फैसला सुनाया.

मद्रास हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि बच्चों के अश्लील वीडियो डाउनलोड करके देखना पॉक्सो कानून और आईटी एक्ट के तहत अपराध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि बच्चों के अश्लील वीडियो मिलने पर पुलिस को सूचित नहीं करना अपराध है.

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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चाइल्ड पोर्नोग्राफी शब्द की जगह चाइल्ड सेक्सुअल एंड एक्सप्लॉइटिव एंड एब्यूज मटीरियल शब्द का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसके लिए जल्द से जल्द अध्यादेश लाने को कहा है.

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