सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कई बीमारियों के इलाज वाली दवाओं के विज्ञापन को बंद करने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने इन दावों के खिलाफ चेतावनी दी है। बेंच अब आईएमए की याचिका पर अगले साल 5 फरवरी को सुनवाई करेगी।

Supreme Court slams Baba Ramdev's Patanjali: सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को चेतावनी दी है। हर्बल प्रोडक्ट्स का कारोबार करने वाली पतंजलि पर कई बीमारियों के इजाल के लिए अपनी दवाइयों के बारे में विज्ञापनों में झूठे और भ्रामक दावों का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट ने इन दावों के खिलाफ चेतावनी दी है। बेंच अब आईएमए की याचिका पर अगले साल 5 फरवरी को सुनवाई करेगी।

जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। कोर्ट ऐसे किसी भी उल्लंघन को बहुत गंभीरता से लेगी। एपेक्स कोर्ट ने आईएमए की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें 23 अगस्त 2022 को वैक्सीनेशन कैंपेन और आधुनिक दवाओं के खिलाफ रामदेव द्वारा भ्रम फैलाने का आरोप लगा। आईएमए की याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी किया था।

Latest Videos

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट के बेंच ने?

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान पतंजलि आयुर्वेद से कहा कि वह चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित न करें। यदि यह गलत दावा किया जाता है कि यह किसी विशेष बीमारी को ठीक कर सकता है तो बेंच प्रत्येक उत्पाद पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने पर भी विचार कर सकती है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश वकील से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों के मुद्दे का समाधान खोजने को कहा, जहां कुछ बीमारियों का सटीक इलाज करने वाली दवाओं के बारे में दावे किए जा रहे हैं। कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए एलोपैथी और एलोपैथिक चिकित्सकों की आलोचना करने के लिए रामदेव की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्हें डॉक्टरों और उपचार की अन्य प्रणालियों का दुरुपयोग करने से रोका जाना चाहिए।

तत्कालीन सीजेआई एनवी रमना की बेंच ने कहा था: इन गुरु स्वामी रामदेव बाबा को क्या हुआ? आखिरकार हम उनका सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने योग को लोकप्रिय बनाया। हम सभी इसके लिए जाते हैं। लेकिन उन्हें अन्य प्रणाली की आलोचना नहीं करनी चाहिए। इस बात की क्या गारंटी है कि वह जिस भी प्रणाली का पालन कर रहे हैं वह आयुर्वेद की होगी। आप विज्ञापनों के प्रकार देखते हैं जो सभी डॉक्टरों पर आरोप लगाते हैं जैसे कि वे हत्यारे या कुछ और हैं। बड़े पैमाने पर विज्ञापन दिए गए हैं।

क्या कहा था आईएमए ने कोर्ट में पतंजलि को लेकर?

बाबा रामदेव के कथित विज्ञापन के बारे में आईएमए के वकील ने कहा था कि इन विज्ञापनों में कहा गया है कि आधुनिक दवाएं लेने के बावजूद चिकित्सक खुद मर रहे हैं। आईएमए ने कहा था कि देश में COVID-19 वैक्सीन और एलोपैथिक दवाओं के उपयोग और वैक्सीनेशन को प्रभावित करने का प्रयास पतंजलि कर रही है।

यह भी पढ़ें:

नेशनल हेराल्ड केस में ED ने यंग इंडियन की 752 करोड़ की संपत्तियों को किया जब्त, राहुल-सोनिया गांधी से जुड़ी है YIL

Share this article
click me!

Latest Videos

20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़