गिने गए वोटों की संख्या में अंतर का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगा जवाब

न्यायालय ने लोकसभा चुनाव डेटा में विसंगतियों की जांच करने की मांग वाली याचिका पर आयोग से जवाब मांगा
 

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मत प्रतिशत और 347 निर्वाचन क्षेत्रों में गिने गए वोटों की संख्या में कथित विसंगतियों की जांच कराने की मांग वाली दो एनजीओ की याचिकाओं पर शुक्रवार को भारत के निर्वाचन आयोग को एक नोटिस जारी किया।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने दोनों एनजीओ की याचिका को लंबित मामलों के साथ संबद्ध किया और इसे फरवरी 2020 में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

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जांच करने की मजबूत प्रक्रिया की मांग

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और कॉमन कॉज की याचिका में निर्वाचन आयोग को भविष्य के सभी चुनावों में डेटा में विसंगतियों की जांच करने की मजबूत प्रक्रिया बनाने के लिए निर्वाचन आयोग को निर्देश देने की मांग की गई है।

एडीआर ने अपने विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा किए शोध के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में मत प्रतिशत और गिने गए मतों के बीच गंभीर विसंगतियां थी।

उसने दावा किया कि शोध में 347 सीटों पर विसंगतियां पाई गई।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)

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