टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी पर लगे जुर्माना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक: कलकत्ता हाईकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला में लगाया था 25 लाख रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट 22 मई को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की याचिका पर 26 मई को सुनवाई करने पर सहमत हुई थी।

Dheerendra Gopal | Published : May 26, 2023 2:59 PM IST

TMC leader Abhishek Banerjee relief by Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी को बड़ी राहत दी है। डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी पर कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा शिक्षक भर्ती घोटाले में किए गए जुर्माना पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दिया है। हाईकोर्ट ने ममता बनर्जी के भतीजा अभिषेक पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। शिक्षक भर्ती घोटाला की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछताछ करने संबंधी सीबीआई की कार्यवाही पर रोक नहीं लगाई है। कोर्ट अब इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई में करेगा।

न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की बेंच ने उच्च न्यायालय के आदेश को बहुत संतुलित और निष्पक्ष करार दिया और कहा कि 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाना शायद जरूरी नहीं था। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा, "इसका मतलब यह नहीं है कि कोई भी कीमत नहीं लगाई जा सकती... मुझे लगता है कि आदेश बहुत संतुलित और निष्पक्ष है।" बेंच ने कहा कि मामले को 10 जुलाई 2023 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करें। सुनवाई की अगली तारीख तक विवादित आदेश के तहत जुर्माना पर रोक रहेगी। हालांकि, जांच में कोर्ट कोई हस्तक्षेप फिलहाल नहीं करेगा।

हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दिया था...

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने 18 मई के आदेश में लोकसभा सांसद बनर्जी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में कोर्ट के अपने पिछले आदेश को वापस लेने की मांग की गई थी जिसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं।

ईडी की ओर से हस्तक्षेप न करने की मांग

ईडी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि एजेंसी के पास स्वतंत्र रूप से जांच करने की शक्ति है। इसे छीना नहीं जा सकता। इस पर पीठ ने कहा कि दोनों पक्ष सुनवाई की अगली तारीख पर अपनी दलीलें पेश कर सकते हैं। इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए।

सुप्रीम कोर्ट 22 मई को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अभिषेक बनर्जी की याचिका पर 26 मई को सुनवाई करने पर सहमत हुई थी। सिंघवी ने 22 मई को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस मामले का उल्लेख करते हुए कहा था कि सीबीआई द्वारा बनर्जी से नौ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की जा चुकी है। टीएमसी नेता को आशंका है कि एजेंसी द्वारा पूछताछ के लिए दोबारा बुलाए जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने शीर्ष अदालत से निर्देश मांगा है कि जांच एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाए।

सीबीआई व ईडी अभिषेक बनर्जी का नाम लेने का बना रहीं दबाव

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी का नाम एक स्थानीय व्यवसायी कुंतल घोष द्वारा दायर एक शिकायत में सामने आया था, जो स्कूल नौकरी घोटाले के मामलों में एक आरोपी था। कुंतल ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां मामले में बनर्जी का नाम लेने के लिए उस पर दबाव बना रही थीं। बनर्जी को एजेंसी का सम्मन कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा उनके द्वारा दायर एक याचिका को खारिज करने के 24 घंटे के भीतर आया था। इसमें कहा गया था कि सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियां ​​शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में उनसे पूछताछ कर सकती हैं।

झुकने को तैयार नहीं इसलिए कर रहे हैं परेशान

टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया था कि झुकने को तैयार न रहने वाले टीएमसी नेताओं को परेशान किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा कि विभिन्न मामलों में शामिल भाजपा नेताओं को खुला छोड़ दिया गया है। दरअसल, अभिषेक बनर्जी से सीबीआई और ईडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। ताजा मामला स्कूली शिक्षक भर्ती घोटाला में नाम आने के बाद का है। इसके पहले उनसे कोयला चोरी मामले में पूछताछ की जा चुकी है। अभिषेक डायमंड हार्बर लोकसभा क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं।

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