दिल्ली सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने कैब एग्रीगेटर्स को राहत देते हुए नई संशोधित पॉलिसी आने तक बाइक टैक्सी संचालन की अनुमति दी थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवर को दिल्ली में बाइक टैक्सी संचालन पर रोक लगा दी। कोर्ट के आदेश से रैपिडो और उबर जैसे कैब एग्रीगेटर्स को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने कैब एग्रीगेटर्स को राहत देते हुए नई संशोधित पॉलिसी आने तक बाइक टैक्सी संचालन की अनुमति दी थी। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
Two Wheelers को ट्रांसपोर्ट व्हीकल के रूप में रजिस्ट्रेशन नहीं करने का कानून
दिल्ली सरकार ने बीते 26 मई को एक शासनादेश जारी किया था। इस शासनादेश के अंतर्गत दोपहिया वाहनों को परिवहन वाहनों के रूप में रजिस्ट्रेशन से बाहर कर दिया गया था। इस आदेश की चुनौती रैपिडो ने दिल्ली हाईकोर्ट में दी थी। दरअसल, रैपिडो व उबर जैसी कई एग्रीगेटर कंपनियां, बड़े शहरों में बाइक-टैक्सी चलवा रही हैं। यह लोगों के लिए सुविधाजनक होने के साथ सस्ती और जाम से जूझ रहे शहरों में बेहतर विकल्प साबित हो रहे हैं।
रैपिडो की याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को किया था नोटिस
रैपिडो की याचिका पर दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट ने नोटिस किया था। साथ ही हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि फाइनल पॉलिसी बनने तक बाइक-टैक्सी एग्रीगेटर के खिलाफ कोई कठोर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। इस साल की शुरुआत में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में, सरकार ने बाइक-टैक्सियों को दिल्ली में चलने के खिलाफ चेतावनी दी थी। सरकार ने कहा था कि उल्लंघन करने वालों को 1 लाख रुपये तक के जुर्माने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा। जबकि रैपिडो ने कहा कि वह बाइक-टैक्सी का संचालन मोटर वाहन अधिनियम 2020 के एग्रीगेटर दिशानिर्देश के तहत कर रहे हैं। राज्य सरकार का निर्देश केंद्र सरकार के मोटर वाहन अधिनियम के खिलाफ है। उसने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता की सेवाओं पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने से बड़ी संख्या में वाहन मालिकों और सवारों के साथ-साथ दैनिक यात्रियों की पर्याप्त संख्या के जीवन और आजीविका पर प्रभाव पड़ेगा।
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