सार
कुरुक्षेत्र के पिपली गांव में एक महापंचायत करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया। किसानों के आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक को दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर डायवर्ट कर दिया गया।
नई दिल्ली: सूरजमुखी की फसल की खरीद में एमएसपी नहीं मिलने से नाराज हरियाणा के किसानों ने सोमवार को हरियाणा-दिल्ली राजमार्ग को जाम कर दिया। किसान, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा घोषित राहत से संतुष्ट नहीं हैं। कुरुक्षेत्र के पिपली गांव में एक महापंचायत करने के बाद किसानों ने नेशनल हाईवे 44 को जाम कर दिया। किसानों के आंदोलन को देखते हुए ट्रैफिक को दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर डायवर्ट कर दिया गया। किसानों की महापंचायत में पिपली गांव में हरियाणा, पंजाब, यूपी और अन्य पड़ोसी राज्यों के किसान बड़ी संख्या में पहुंचे। 'एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ' महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और बजरंग पुनिया भी पहुंचे थे।
भावांतर भरपाई योजना के तहत खट्टर ने जारी किया राहत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) के तहत 36,414 एकड़ में उगाई गई सूरजमुखी की फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम 'भरपाई (राहत)' एक हजार रुपये प्रति कुंतल ट्रांसफर किया। शनिवार को खट्टर 29.13 करोड़ रुपये किसानों के खातों में रिलीज किए। राज्य सरकार ने इस साल बीबीवाई के तहत सूरजमुखी की फसल को शामिल करने का ऐलान किया था। इस योजना के तहत एमएसपी के नीचे बिकने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए एक निश्चित मुआवजा देने का प्रावधान किया गया।
किसान कर रहे 6400 रुपये प्रति कुंतल एमएसपी की मांग
हालांकि, सूरजमुखी उगाने वाले किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी पर खरीदे। सोमवार को पिपली गांव की मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलाई। इसके बाद नेशनल हाईवे को जाम करने का ऐलान किया गया। बड़ी संख्या में विभिन्न राज्यों के किसान महापंचायत में पहुंचे थे।
भारतीय किसान यूनियन के कई नेता पहले से गिरफ्तार
दरअसल, भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चरूनी के नेतृत्व में किसानों ने 6 जून को शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को छह घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया था। किसान सूरजमुखी की फसल की एमएसपी और बीज के लिए एमएसपी पर खरीदी की मांग कर रहे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। किसानों के कब्जे से नेशनल हाइवे को मुक्त कराने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। साथ ही भाकियू (चरुनी गुट) के 9 नेताओं अरेस्ट कर लिया। इन नेताओं पर दंगा और गैर कानूनी सभा करने सहित कई गंभीर धाराओं में केस किया गया है।
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