महिला तटरक्षक अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को अल्टीमेटम, कहा-आप नहीं करेंगे तो हम करेंगे

भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने महिला तटरक्षक अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा-यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो हम ऐसा करेंगे। 

SC warns Centre on Women Coast Guard issue: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महिला तटरक्षक अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं देने के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को फटकारते हुए अल्टीमेटम दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं, महिलाओं की भागीदारी पर बात करते हैं लेकिन जब हक देने की बात आती है तो यह नहीं दिखता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने महिला तटरक्षक अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के मुद्दे पर केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा-यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो हम ऐसा करेंगे। कोर्ट अब इस मामले में 1 मार्च को सुनवाई करेगा।

आप नहीं करेंगे तो हम करेंगे लेकिन ऐसे ही छोड़ नहीं सकते

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता है। यदि आप स्थायी कमीशन नहीं देते हैं तो हम करेंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र के वकील से कहा कि ये सभी कार्यक्षमता आदि तर्क 2024 में मायने नहीं रखते। महिलाओं को छोड़ा नहीं जा सकता। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो हम ऐसा करेंगे। इसलिए उस पर एक नजर डालें। केंद्र के वकील ने कहा कि वह तटरक्षक बल से हलफनामा दायर करने के लिए कहेंगे।

दरअसल, तटरक्षक बल की एक महिला अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। महिला अधिकारी ने मांग किया है कि शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत बल में शामिल होने वाली योग्य महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन दी जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्र सरकार हम महिलाओं को स्थायी कमीशन नहीं दे रहा है। जबकि नौसेना और सेना में मिल रहा है। याचिकाकर्ता प्रियंका त्यागी ने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। अपनी याचिका में उन्होंने सेना और नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों की ओर इशारा किया है।

केंद्र से कहा कि आप नारी शक्ति की बात करते हैं तो यहां भी दिखाएं

सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करते हुए बीते 19 फरवरी को भी केंद्र सरकार की जमकर खिंचाई की थी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा था कि तटरक्षक बल के संबंध में उदासीनता क्यों है?आप तटरक्षक बल में महिलाओं को क्यों नहीं चाहते? अगर महिलाएं सीमाओं की रक्षा कर सकती हैं तो वे समुद्र तटों की भी रक्षा कर सकती हैं। आप नारी शक्ति के बारे में बात करते हैं, इसे यहां दिखाएं।

कोर्ट ने तटरक्षक बल में महिलाओं को शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार के विरोध करने वाली मानसिकता को पितृसत्तात्मक करार दिया। सीजेआई ने पूछा: आपके पास नौसेना में महिलाएं हैं तो तटरक्षक बल के बारे में क्या खास है। हम पूरे कैनवास को खोल देंगे। वे दिन गए जब हमने कहा था कि महिलाएं तटरक्षक का हिस्सा नहीं हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए अटार्नी जनरल ने तर्क दिया कि तटरक्षक बल, नौसेना और सेना से अलग है।

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