'घावों को भरने की जरूरत है'- पढ़ें आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल का अलग ऑर्डर

Published : Dec 11, 2023, 02:06 PM IST
sanjay kishan kaul

सार

सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 पर फैसला सुना दिया है और इस फैसले का सार यह है कि केंद्र ने जो कदम उठाया, वह सही है। सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने 23 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला सुनाया है। 

Justice Kaul's Separate Order. सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने को चुनौती देने वाली 23 याचिकाओं पर फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि धारा 370 अस्थाई था और भारत के राष्ट्रपति को पूरा अधिकार है कि वे इसे समाप्त कर सकें। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कौल ने इस मामले पर अलग आदेश सुनाया है। जस्टिस कौल ने अपने ऑर्डर में कहा है कि- मैं स्टेट और नॉन स्टेट एक्टर्स दोनों से मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच और रिपोर्ट देने के लिए निष्पक्ष, सत्य और सुलह समिति की स्थापना करने की सिफरिश करता हूं।

पढ़ें जस्टिस संजय किशन कौल का फैसला

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की सुनवाई के दौरान अलग फैसले में जस्टिस संजय किशन कौल ने 1980 के दशक से जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन की निष्पक्ष जांच का आह्वान किया है। जस्टिस कौल ने कहा कि मैं कम से कम 1980 के दशक से मैं स्टेट और नॉन स्टेट एक्टर्स दोनों से मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच और रिपोर्ट देने के लिए निष्पक्ष, सत्य और सुलह समिति की स्थापना करने की सिफरिश करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि आगे बढ़ने के लिए घावों को ठीक करने की आवश्यकता होती है। लोगों ने पीढ़ीगत आघात महसूस किए हैं और उनके जख्मों को ठीक करने की दिशा में पहला कदम राज्य को उठाना चाहिए।

आर्टिकल 370 का मकसद क्या था

जस्टिस कौल ने अनुच्छेद 370 के मूल इरादे पर जोर देते हुए कहा कि इसका उद्देश्य धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर को भारत में एकीकृत करना था। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 का उद्देश्य धीरे-धीरे जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के बराबर लाना था। जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश की आवश्यकता को इस तरह से नहीं पढ़ा जा सकता है जो बड़े इरादे को निरर्थक बना दे। 

चरणबद्ध तरीके से एकीकरण की जरूरत को स्वीकार करते हुए जस्टिस कौल ने कहा कि स्थापित प्रक्रियाओं को दरकिनार करके पिछले दरवाजे से संशोधन के उपाय नहीं होने चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब संशोधन के लिए विधि निर्धारित की जाती है, तो उसका पालन किया जाना चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 370 को खत्म करने के सरकार के फैसले को वैध करार दिया है। यह आर्टिकल संवैधानिक प्रावधान के तहत पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था।

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