सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश के तीन बड़े मामलों राफेल, सबरीमाला और राहुल गांधी के बयान पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने सबरीमाला मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेंज दिया है। वहीं राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बिना शर्त माफी दे दी। राफेल पर कोर्ट ने कहा कि इसमें किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को देश के तीन बड़े मामलों राफेल, सबरीमाला और राहुल गांधी के बयान पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने सबरीमाला मामले को 7 जजों की बेंच के पास भेंज दिया है। वहीं राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए बिना शर्त माफी दे दी। राफेल पर कोर्ट ने कहा कि इसमें किसी तरह की जांच की जरूरत नहीं है।
सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले को बड़ी बेंच को भेज रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि 5 की जगह 7 जजों की बेंच सुनवाई करेगा। पांच जजों की बेंच में से 3-2 से यह फैसला लिया गया। दो जजों की बेंच के बाद भी यह फैसला बड़ी बेंच को भेजा गया। कोर्ट ने कहा कि 28 सितंबर 2018 को लिए गए सुप्रीम कोर्ट का फैसला बना रहेगा। 10 साल से लेकर 50 साल की महिलाएं मंदिर में जा सकेंगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि महिलाओं का पूजा स्थलों में प्रवेश सिर्फ इस मंदिर तक सीमित नहीं है, यह मस्जिदों और पारसी मंदिरों पर भी लागू होता है।
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने राफेल डील पर रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट का मानना है कि इसमें कोई नया तथ्य नहीं है। बेंच ने कहा कि राफेल डील पर जांच की जरूरत नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2018 में राफेल डील पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इस फैसले को प्रशांत भूषण, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने चुनौती दी थी। कोर्ट ने इस मामले में 10 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
राहुल गांधी के बयान पर कोर्ट ने क्या कहा?
10 मई को ही सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर भी फैसला सुरक्षित रख लिया था। राहुल की 'चौकीदार चोर है' के नारे पर माफी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने राहुल गांधी को संभलकर बोलने की नसीहत दी।