सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता न देते हुए, उन्हें सामान्य नागरिकों की तरह ही सभी सुविधाएं देने का फैसला किया है। अब अनमैरिड कपल और समलैंगिक जोड़े भी बच्चों को गोद ले सकते हैं।
Supreme Court Verdict. सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को मान्यता न देते हुए, उन्हें सामान्य नागरिकों की तरह ही सभी सुविधाएं देने का फैसला किया है। अब अनमैरिड कपल और समलैंगिक जोड़े भी बच्चों को गोद ले सकते हैं।
बच्चा गोद ले सकता अनमैरिड या समलैंगिक कपल
सुप्रीम कोर्ट ने सेम सेक्स मैरिज यानि समलैंगिक विवाह को लेकर बहुत बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने भले ही समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी लेकिन उन्हें सभी सुविधाएं बिना किसी भेदभाव देने का फैसला सुनाया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अनमैरिड कपल या फिर समलैंगिक जोड़े अब बच्चे को गोद ले सकते हैं। पहले यह नियम था कि अनमैरिड कपल या समलैंगिक जोड़ों को बच्चा गोद लेने की सुविधा नहीं दी जाती थी।
सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिकों के लिए राहत भरा फैसला
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि कोर्ट को मामले की सुनवाई करने का अधिकार है।
समलैंगिकता नेचुरल है और भारत में सदियों से यह चली आ रही है।
यह न तो शहरी है और न ही ग्रामीण है। यह न तो गरीबी से जुड़ी है और न ही अमीरी से जुड़ी है।
विवाह कोई स्थायी संस्था नहीं है, इसलिए इसकी मान्यता नहीं दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कमेटी बनाकर समलैंगिकों के लिए राशन कार्ड बनाने की सुविधा दी जाए।
समलैंगिक जोड़ों को ज्वाइंट बैंक अकाउंट खोलने, पेंशन और ग्रेच्युटी में नॉमिनी की सुविधा मिले।
समलैंगिक जोड़े या फिर अनमैरिड कपल को बच्चा गोद लेने की सुविधा जी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को समलैंगिक विवाहों के मामले में फैसला सुना सकता है। इससे जुड़ी याचिकाओं पर मैराथन सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई वाली पीठ में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति एसके कौल, एसआर भट्ट, हेमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल रहे। यह सुनवाई 18 समलैंगिक जोड़ों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर याचिका के बाद की गई थी।
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