न्याय और चिकित्सा हड़ताल पर नहीं जा सकते, CJI चंद्रचूड़ ने क्यों कही यह बात?

ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने सत्तापक्ष और विपक्ष को राजनीति न करने की सलाह दी है। कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टर्स से भी काम पर लौटने की अपील की है और उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

Trainee Doctor rape and murder: ट्रेनी डॉक्टर रेप व मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्खी से सत्तापक्ष और विपक्ष को राजनीति न करने की सलाह दी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है। कोर्ट अपना काम कर रहा है, राजनीति इस पर नहीं होनी चाहिए। बेंच ने हड़ताली डॉक्टर्स को भी नसीहत देते हुए कहा कि मेडिकल सर्विस और न्याय कभी छुट्टी पर नहीं रह सकते। कृपया काम पर लौटें, हम आपकी सुरक्षा को लेकर कुछ करने जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने टीएमसी सरकार और बीजेपी को क्यों लताड़ा?

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दरअसल, कोलकाता रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई के दौरान डॉक्टर रेप-मर्डर मामले को लेकर टीएमसी सरकार की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल और भारत सरकार के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता आपस में नोकझोक कर रहे थे। इससे नाराज सीजेआई ने कहा कि कृपया राजनीतिकरण न करें, कानून अपना काम करेगा। हम यह सुनिश्चत करने के लिए लगे हैं कि कानून अपना बेहतर तरीके से काम करे और सही दिशा में जांच होग।

हड़ताली डॉक्टर्स को भी नसीहत

सीजेआई की अध्यक्षता वाली जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि वह डॉक्टरों के कल्याण और सुरक्षा को लेकर भी चिंतित है। हम सिर्फ दिशा निर्देश नहीं जारी करने जा रहे हैं बल्किक हम एक ऐसा डायरेक्शन देने जा रहे हैं जोकि लागू हो सके। हालांकि, हड़ताली डॉक्टर्स को नसीहत देते हुए सीजेआई ने कहा कि न्याय और चिकित्सा हड़ताल पर नहीं जा सकते। डॉक्टरों को अपने ड्यूटी को फिर से शुरू करना चाहिए क्योंकि देश के गरीब लोगों को बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता।

डॉक्टर्स की ओर से पेश हुए वकील ने कहा-अनुपस्थित किया जा रहा

सुनवाई के दौरान एम्स नागपुर के रेजिडेंट डॉक्टर्स की ओर से पेश वकील ने बताया कि डॉक्टर्स को सिर्फ इसलिए अनुपस्थित किया जा रहा है क्योंकि वे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि अगर वे ड्यूटी पर हैं तो उन्हें अनुपस्थित नहीं चिह्नित किया जाएगा और अगर वे ड्यूटी पर नहीं हैं तो कानून का पालन किया जाएगा। उन्हें पहले काम पर लौटने के लिए कहें। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसी भी डॉक्टर के खिलाफ प्रतिकूल कार्रवाई नहीं होगी। अगर उसके बाद भी कोई कठिनाई होती है तो हमारे पास आएं लेकिन पहले उन्हें काम पर आने दें। गरीब लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बेसहारा नहीं छोड़ा जा सकता।

9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर की मिली थी लाश

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर की लाश सेमीनार हॉल में मिली थी। डॉक्टर का रेप करने के बाद मर्डर किया गया था। इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सिविक वालंटियर संजय राय को अरेस्ट किया था। हाईकोर्ट ने पुलिस से यह मामला हाईकोर्ट को सौंप दिया था। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने देश भर से उठी डॉक्टर्स व मेडिकल प्रोफेशनल्स की सुरक्षा की मांग पर एक नेशनल टॉस्क फोर्स का गठन किया है।

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