Target killing के बाद सुरक्षाबलों की ताबड़तोड़ कार्रवाई, कुपवाड़ा में लश्कर के 2 आतंकी ढेर

जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग(Terrorism and Target Killing in Jammu and Kashmir) के बाद सुरक्षाबलों ने सर्चिंग तेज कर दी है। इस बीच कुपवाड़ा के चकतारस कंडी इलाके में छुपे आतंकवादियों से सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई। इसमें लश्कर के दो आतंकी मारे गए। इस ऑपरेशन में पुलिस और सेना दोनों शामिल रहीं।

जम्मू.जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा की जा रही टार्गेट किलिंग (Terrorism and Target Killing in Jammu and Kashmir) के खिलाफ सुरक्षाबल ने सर्चिंग तेज कर दी है। इस बीच उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के चकतारस कंडी इलाके में छुपे आतंकवादियों से सुरक्षाबलों की मुठभेड़  हुई। कश्मीर जोन के आईजी विजय कुमार ने बताया कि मुठभेड़ में दो आतंकी मार गिराए गए हैं। दोनों प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे। इन आतंकियों में से एक पाकिस्तानी आतंकवादी तुफैल भी शामिल है। इस ऑपरेशन में पुलिस और सेना दोनों शामिल रहीं। कश्मीर जोन पुलिस के अनुसार इससे पहले पानीपोरा वन क्षेत्र, ज़ालूरा, सोपोर में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। ( तस्वीर-रज़ा अकादमी के सदस्यों ने मुंबई में 4 जून को आतंकवादी द्वारा कश्मीरी पंडितों की टार्गेट किलिंग की निंदा करने के लिए मीनारा मस्जिद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था)

सोपार में मारा था एक आतंकवादी
इससे पहले 6 जून को सुरक्षाबलों ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर से जुड़ा एक पाकिस्तानी आतंकवादी मार गिराया था। उसके पास से हथियार और गोला-बारूद सहित आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई थी। हालांकि 2 विदेशी और एक स्थानीय आतंकवादी घेराबंदी से भाग निकले थे। मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी के पास से बरामद दस्तावेजों के अनुसार उसकी पहचान पाकिस्तान के लाहौर के हंजल्ला के रूप में हुई है। एक एके राइफल, 5 मैगजीन सहित गोला-बारूद बरामद किया गया है।

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( तस्वीर- 5 जून को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली के जंतर मंतर पर कश्मीर में कश्मीरी पंडितों की हालिया टार्गेट किलिंग के खिलाफ 'जन आक्रोश रैली' की थी)

पिछले कुछ दिनों में 8 टार्गेट किलिंग
पिछले कुछ दिनों में 8 टार्गेट किलिंग को अंजाम देकर आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में दहशत फैलाने की कोशिश की थी। इसके बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक हाईप्रोफाइल मीटिंग करके सेना और पुलिस को आतंकवादियों से सख्ती से निपटने को कहा था। केंद्रीय गृहमंत्रालय(Ministry of Home Affairs) ने 3 जून को दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग करके स्प्ष्ट किया कि घाटी में 1990 जैसे हालात नहीं बनने दिए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में पैरा मिलिट्री फोर्स की 400 कंपनियां और तैनात करने निर्णय लिया गया था। बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा NSA अजित डोभाल सहित कई बड़े अधिकारी मौजूद थे। हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित जगहों पर पोस्टिंग करने का निर्णय लिया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक घाटी से पलायन करके जम्मू में कश्मीरी पंडितों के 43 हज़ार 618 परिवार रह रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में 19 हज़ार 338 और देश के बाकी हिस्सों में कश्मीरी पंडितों के 1995 परिवार निवास कर रहे हैं। सरकार की कोशिश है कि ये लोग वापस अपने घर लौटें। 

(तस्वीर-प्रेम नाथ भट मेमोरियल ट्रस्ट के सदस्यों ने 6 जून  को जम्मू में कश्मीर घाटी में सभी अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन और आतंकवाद के विरोध में प्रदर्शन किया था)

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