एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ने लगाई बोली, 1932 में इसी ग्रुप ने की थी शुरुआत

करीब 68 साल पहले एअर इंडिया टाटा ग्रुप के पास ही थी। जो भी कंपनी इस बिड में फाइनल की जाएगी, उसे दिसंबर तक एअर इंडिया सौंप दी जाएगी। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 15, 2021 3:29 PM IST / Updated: Sep 15 2021, 10:40 PM IST

नई दिल्ली. भारी भरकम कर्ज के नीचे दबी सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया (Air India) को बेचने का प्रोसेस शुरू हो गई है। एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ने बोली लगाई है। विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने स्पष्ट किया था कि 15 सितंबर की अंतिम तारीख नहीं बदली जाएगी।

 

 

सरकार ने पहले 2018 में एयर इंडिया (Air India) में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी थी, लेकिन उस समय इसके लिए कोई खरीदार ही नहीं मिला और फिर इसे पूरी तरह बेच देने की कवायद शुरू की गई की गई थी। एयर इंडिया पर कुल 43 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।

 

 

पहले भी टाटा के पास थी एयर इंडिया
करीब 68 साल पहले एअर इंडिया टाटा ग्रुप के पास ही थी। जो भी कंपनी इस बिड में फाइनल की जाएगी, उसे दिसंबर तक एअर इंडिया सौंप दी जाएगी। एअर इंडिया को 1932 में टाटा ग्रुप ने ही शुरू किया था। टाटा समूह के जेआरडी टाटा इसके फाउंडर थे। वे खुद पायलट थे। तब इसका नाम टाटा एअर सर्विस रखा गया। दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया। आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49 पर्सेंट हिस्सेदारी खरीदी।

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क्या बंद हो जाएगी एयर इंडिया
सरकार ने संसद में एक सवाल का जवाब में बताया था कि अगर एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जाता है तो उसे बंद करना पड़ेगा। इसके परिचालन के लिए फंड कहां से आएगा। इस समय एअर इंडिया फर्स्ट क्लास असेट है। ऐसे में इसे खरीदार आसानी से मिल जाएंगे। 
 

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