इस मामले में पूछताछ के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री को पुलिस ने सम्मन जारी किया है। सीएम रेवंता रेड्डी को 1 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंता रेड्डी को सम्मन भेजा है। दिल्ली पुलिस, अमित शाह का रिजर्वेशन को लेकर दिए गए बयान के डॉक्टर्ड वीडियो की जांच कर रही है। इस मामले में पूछताछ के लिए तेलंगाना के मुख्यमंत्री को पुलिस ने सम्मन जारी किया है। सीएम रेवंता रेड्डी को 1 मई को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। मुख्यमंत्री रेवंता रेड्डी के अलावा चार अन्य लोगों को भी सम्मन जारी किया गया है। सभी तेलंगाना के ही हैं। उधर, बीजेपी आईटी सेल के अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस एक एडिट किए गए वीडियो को फैला रही है। यह पूरी तरह फर्जी है। इससे बड़े स्तर पर हिंसा होने का खतरा है।
अमित शाह के आरक्षण कोटे को खत्म करने वाले बयान का वीडियो वायरल होने पर मचा बवाल
दरअसल, अमित शाह के दक्षिण राज्य में भाषण के दौरान एक बयान काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण कोटा खत्म करने की बात कर रहे हैं। अमित शाह के वीडियो को कांग्रेस के विभिन्न प्लेटफार्म्स पर भी शेयर किया गया है। वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी ने इसे एडिटेड वीडियो बताते हुए शाह द्वारा ऐसा किसी भी बयान से इनकार किया गया है।
वीडियो के वायरल होने के बाद सक्रिय हुई बीजेपी ने इसे फर्जी बताते हुए पुलिस में शिकायत की है। बीजेपी की शिकायत के बाद रविवार को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया। भाजपा ने कहा है कि रैली के दौरान दिए गए अमित शाह के भाषण में हेरफेर किया गया है। भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा है कि अमित शाह ने रैली में तेलंगाना में मुसलमानों के लिए आरक्षण कोटा के मुद्दे पर बात की थी। वीडियो एडिट कर उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है।
वीडियो शेयर करने वालों को अमित मालवीय ने चेताया, कहा-बड़े स्तर पर हिंसा होने का खतरा
अमित मालवीय ने कहा, "कांग्रेस एक एडिट किए गए वीडियो को फैला रही है। यह पूरी तरह फर्जी है। इससे बड़े स्तर पर हिंसा होने का खतरा है। अमित शाह ने मुसलमानों को असंवैधानिक तरीके से दिए गए आरक्षण को खत्म करने के बारे में बात की थी। एसी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण कम कर धर्म के आधार पर आरक्षण दिया गया है। इस फर्जी वीडियो को कई कांग्रेसी प्रवक्ताओं ने पोस्ट किया है। उन्हें इसके कानूनी नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए।"
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