जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर इन दिनों आतंकियों का साफ्ट टारगेट बन गया है। राज्य में इस साल आतंकी गतिविधियों में कमी देखी गई है लेकिन श्रीनगर में यह आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। पूरे राज्य में आए दिन कहीं न कहीं आतंकियों की गतिविधियां यहां की अमनचैन के लिए खतरा बन रहा। शुक्रवार को श्रीनगर के चानापोरा में सीआरपीएफ पर आतंकियों ने हमला किया। संयोग अच्छा था कि आतंकियों के ग्रेनेड हमले में कोई सैनिक हताहत नहीं हुआ। एक सैनिक और एक महिला सिविलियन के घायल होने की सूचना है।
हमले के बाद सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर कांबिंग शुरू कर दी है। सीआरपीएफ अधिकारियों के अनुसार आतंकवादियों ने सरकारी आवासीय क्वार्टरों के पास सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंका।
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टेरर एक्टिविटीज का नया केंद्र बन रहा श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर का श्रीनगर इन दिनों आतंकियों का साफ्ट टारगेट बन गया है। राज्य में इस साल आतंकी गतिविधियों में कमी देखी गई है लेकिन श्रीनगर में यह आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अकेले श्रीनगर में आतंकवाद से संबंधित 16 घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह एक साल में घाटी में हुई 75 घटनाओं का करीब 21 प्रतिशत है। आतंकियों के लिए सबसे साफ्ट टारगेट माना जाने वाला पुलवामा, अनंतनाग और शोपियां में भी आतंकी गतिविधियां इससे कम ही है।
श्रीनगर में आईईडी खूब हुए बरामद
आतंकी गतिविधियों में दहशतगर्द आईईडी का इस्तेमाल करते हैं। यहां अभी तक आठ आईईडी बरामद हुए हैं। इनमें से तीन तो श्रीनगर में ही बरामद हुए थे।
धमाके या हमला नए आतंकियों का प्रशिक्षण
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों के बुलंद होते हौसले पर रक्षा क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि आतंकी ग्रुप्स युवाओं को अपने कैंप्स में भर्ती कर रहे हैं। इन युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए यह छोटे-मोटे वारदात लगातार अंजाम दे रहे हैं। जानकारों की मानें तो श्रीनगर में बढ़ी हुई आतंकी गतिविधियां पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के फ्रंट- द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) द्वारा शुरू किए गए भर्ती अभियान का परिणाम है।