सार

इंडियन एयरफोर्स चीफ बुधवार को सीएपीएफ, एसआईडीएम और सीआईआई द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर भारत के लिए 'एनर्जाइज़िंग इंडियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री: चैलेंजेस' पर सम्मेलन में बोल रहे थे। 

नई दिल्ली। बढ़ते चीनी खतरों के मद्देनजर, इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) के प्रमुख एयरचीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (RKS Bhadauriya) ने एडवांस प्रौद्योगिकी (advance technology) को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया है। 

इंडियन एयरफोर्स चीफ बुधवार को सीएपीएफ, एसआईडीएम और सीआईआई द्वारा आयोजित आत्मनिर्भर भारत के लिए 'एनर्जाइज़िंग इंडियन एयरोस्पेस इंडस्ट्री: चैलेंजेस' पर सम्मेलन में बोल रहे थे। 

उन्होंने कहा कि पड़ोसियों को देखते हुए, हमें घर में निर्मित विशिष्ट तकनीक की आवश्यकता है। यही हमें अगले संघर्ष में बेस्ट रिजल्ट और बेहतरीन माइलेज देगा। 
एसीएम भदौरिया ने आज 'आत्मनिर्भर भारत' को रणनीतिक जरूरत करार दिया। उन्होंने कहा कि यह एक समयबद्ध प्रक्रिया है और इसके लिए बजट की आवश्यकता होती है, लेकिन एक बार जब आप इसे सही कर लेते हैं, तो एयरोस्पेस क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर' बनने से कोई रोक नहीं सकता। 

भारतीय वायुसेना आत्मनिर्भर बनने की ओर

लड़ाकू विमानों की खरीद के संबंध में एसीएम भदौरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने अगले दो दशकों में 83 एलसीए तेजस सहित 350 विमान खरीदने की योजना बनाई है। सरकार ने इस साल फरवरी में सरकारी विमान निर्माता कंपनी एचएएल को 83 एलसीए तेजस विमानों के लिए 48,000 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। इससे पहले, कुल 40 तेजस का ऑर्डर दिया जा चुका था, जिनमें से आधे की डिलीवरी भारतीय वायुसेना को की जा चुकी है। कुल मिलाकर, इसमें 123 विमान हैं जो 6 स्क्वाड्रन के बराबर हैं।
भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन की संख्या स्वीकृत 42 से घटकर 30 हो गई है। IAF इस अंतर को भरने के लिए आशान्वित है। प्रत्येक स्क्वाड्रन में लगभग 18-20 विमान होते हैं। पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान AMCA के विकास के संबंध में, IAF प्रमुख ने कहा कि यह एडवांस स्टेज में है और पहला प्रोटोटाइप 2025 में सामने आएगा।