भारतीय रेलवे यात्रियों से अभी के मुकाबले अधिक किराया वसूली की तैयारी है। इसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। दरअसल, सरकार यह कदम इसलिए उठा रही क्योंकि रेलवे के पुनर्विकसित स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर शुल्क लिए जाएंगे।
नई दिल्ली. केंद्र सरकार रेल यात्रियों को झटका देने की तैयारी में है। जानकारी के मुताबिक भारतीय रेलवे यात्रियों से अभी के मुकाबले अधिक किराया वसूली की तैयारी है। इसको लेकर जल्द ही नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा। दरअसल, रेलवे के पुनर्विकसित स्टेशनों पर उपलब्ध जनसुविधाओं के लिए एयरपोर्ट की तर्ज पर शुल्क लिए जाएंगे।
हवाई यात्रा में जनसुविधा विकास शुल्क (यूडीएफ) टैक्स का हिस्सा होता है, जिसका हवाई यात्री भुगतान करते हैं। अब रेलवे में भी यह शुल्क लगाया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने बताया, ‘जनसुविधा विकास शुल्क एयरपोर्ट परिचालकों की ओर से लिए जा रहे शुल्क की तरह होंगे। इसके जरिए स्टेशनों के विकास के लिए धन की व्यवस्था होगी। यह शुल्क बहुत मामूली होगा।’’
पुनर्विकास करने की हुई थी घोषणा
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में 400 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास करने की घोषणा की थी। योजना के तहत स्टेशनों के विकास पर खर्च होने वाली रकम स्टेशन के आसपास की जमीन को विकसित कर एकत्र किया जाएगा।
वहीं, सरकार ने भारतीय रेलवे स्टेशन पुनर्विकास निगम लिमिटेड के जरिये 2020-2021 में पूरे देश में 50 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए टेंडर जारी करने की योजना बनाई है और इस पर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश का प्रस्ताव है।
यात्रियों से ही होगी वसूली
वीके यादव के मुताबिक सुविधा शुल्क की वजह से किराए में मामूली बढ़ोतरी होगी लेकिन इससे यात्रियों को विश्व स्तरीय स्टेशनों की सुविधा का एहसास होगा। हालांकि, नए विकसित रेलवे स्टेशनों पर शुल्क वहां आने वाले यात्रियों की संख्या के आधार पर अलग-अलग होगी। रेलवे मंत्रालय जल्द ही शुल्क के रूप में वसूली जाने वाली राशि से संबंधित नोटिफिकेशन जारी करेगा।
सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने अक्टूबर, 2019 में स्टेशन पुनर्विकास योजना में देरी होने पर रेल मंत्रालय की खिचांई की थी। आयोग ने 50 स्टेशनों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्विकास करने के लिए शीर्ष नौकरशाहों की अधिकार प्राप्त समूह बनाने की सिफारिश की थी।